हमारे हिन्दू धर्म में सरस्वती पूजा को बड़ा ही विशेष माना जाता है और इसे बड़े ही हर्षोउल्लाश के साथ मनाया जाता है। इस पूजा को हर साल हिन्दू पांचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन अर्थात पंचमी को मनाया जाता है। यह दिन ज्ञान, कला और संगीत की देवी को समर्पित किया जाता है और यह दिन इस बात का द्योतक है की वसंत ऋतू का आगमन हो चूका है।
सरस्वती पूजा पुष्पांजलि मंत्र हिंदी में । Saraswati Puja Pushpanjali Mantra in Hindi
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
नमः भद्रकाल्यै नमो नित्यं सरस्वत्यै नमो नमः
वेद-वेदांग-वेदान्त-विद्यास्थानेभ्य एव च
एश श चंदना पुष्पा बिलवा पत्रांजलि
ॐ ओयिंग श्री सरस्वत्यै नमः
सरस्वती पूजा पुष्पांजलि मंत्र का विवरण :
सरस्वती माता को बूढी और ज्ञान की देवी माना जाता है इसी वजह से सभी विद्यार्थियों के जीवन में उनके इस पूजा दिवस का एक बड़ा ही विशेष महत्व होता है। इस दिवस को आपने कई जगहों पर मूर्ति का स्थापन देखा होगा और सभी मंदिरों में माता का भजन कीर्तन होते हुए भी सुना होगा।
माँ सरस्वती की पूजा में माता को पिले रंग के पुष्प अर्पित करने की प्रथा है। हालाँकि आपको पुष्प अर्पित करते समय इस पुष्पांजलि मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है सरस्वती माता को उनका ये पुष्पांजलि मंत्र बड़ा ही प्रिय है और जो भी इसका जाप करते हुए उन्हें पुष्प अर्पित करता है माता उसे आशीर्वाद जरूर देती हैं।