महाभारत में हनुमान की महत्वपूर्ण भूमिका हिंदी में । Hanuman in Mahabharata Hindi

    महाभारत में हनुमान की महत्वपूर्ण भूमिका हिंदी में । Hanuman in Mahabharata Hindi

    सनातन धर्म में शायद ही कोई इंसान हो जिसे रामायण और महाभारत के बारे में जानकारी ना हो। यह तो हम सभी जानते है की महाभारत में पांडवो की जीत हुई थी और उस जीत में अहम भूमिका भगवान कृष्ण ने निभाई थी। पांडवो की जीत में हनुमान जी ने भी अहम भूमिका निभाई थी अगर हनुमान जी ना होते तो शायद पांडवो को कभी जीत प्राप्त नहीं होती। चलिए आज हम आपको महाभारत में हनुमान जी भूमिका के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

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    हनुमान जी ने भीम का घमंड चकनाचूर करने के साथ साथ भीम को शक्ति और धैर्य की शिक्षा भी दी थी। भगवान श्री कृष्ण के कहने पर भीम हनुमान जी उपासना करने गए थे। उपासना करते समय भीम हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाते है। तभी वहां पर एक वानर आ जाता है और लड्डू खाने लगता है। भीम के मना करने पर वानर कहता है लड्डू मुझसे छीन लो। भीम वानर से लड्डू नहीं ले पाते है और हारकर क्षमा मांगते है। तब वानर रूप में आए हनुमान जी भीम को आशीर्वाद और शिक्षा प्रदान करते है।

    एक बार भगवान श्री कृष्ण ध्यान में बैठे हुए थे और उनके साथ मौजूद अर्जुन और हनुमान जी घूम रहे थे। बातो बातो में अर्जुन ने कहा की भगवान राम को पत्थरो के सेतु की जगह बाणों का सेतु बनाना चाहिए था। अर्जुन की बातो में घमंड छलक रहा था, अर्जुन की बात सुनकर हनुमान जी कहा की अगर तुम्हारे द्वारा बनाया गया सेतु मेरा वजन सहन कर गया तो मै अग्नि में प्रवेश कर जाऊँगा और अगर सेतु वजन नहीं सहन कर पाया तो आप अग्नि में प्रवेश कर लेना।

    अर्जुन ने सरोवर के ऊपर बाणों से सेतु बना दिया, उस सेतु पर हनुमान जी ने पहला कदम रखा तो सेतु डगमगा गया दूसरा कदम रखते ही सेतु चरमराया और तीसरा पैर रखते ही सरोवर खून से लाल हो गया। यह देख हनुमान जी सेतु से उतर गए । तभी भगवान कृष्ण ने उन्हें बताया की सेतु तो पहले कदम में ही टूट जाता अगर मै कछुआ बनकर सेतु के नीचे ना होता।

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    हनुमान जी ने कृष्ण जी से माफी मांगी तब कृष्ण भगवान ने कहा की जिस तरह आपने भगवान राम का साथ दिया है। उसी तरह से इस युद्ध में आप अर्जुन का साथ देना होगा। उसके बाद युद्ध में हनुमान जी अर्जुन के रथ पर ध्वज में विराजमान हो गए थे।

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