सत्यनारायण की कथा । Satyanarayan ki katha
सनातन धर्म में सत्यनारायण भगवान की कथा को सबसे ज्यादा प्रभावशाली और चमत्कारिक बताया है। जो भी इंसान सत्यनारायण भगवान की कथा को सुनता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है और जीवन में धन और वैभव की कमी नहीं रहती है। प्राचीन समय की बात है एक बार नारद मुनि भगवान विष्णु के पास पहुँचे और उन्होंने भगवान विष्णु से पूछा कि स्वामी मृत्युलोक में अनेक योनियों के बाद जन्मे मनुष्य अपने कर्मों के द्वारा अनेको दुख झेलते है।
इन दुखो को दूर करने का कोई आसान उपाय नहीं है, नारद की बात सुनकर भगवान विष्णु ने कहा नारद तुमने मानव की भलाई के लिए बहुत ही अच्छा प्रश्न किया है। पृथ्वी पर रहने वाले सभी लोगो के दुखो को दूर करने का सबसे आसान और सरल उपाय है सत्यनारायण भगवान की कथा।
प्राचीन समय में रमणीय काशी नामक नगर में एक बहुत ही निर्धन ब्राह्मण अपने परिवार के साथ रहता था। ब्राह्मण पूरे दिन भूख और प्यास से व्याकुल होकर दान प्राप्ति के लिए भटकता रहता था। लेकिन ब्राह्मण को दान बहुत ही कम मिलता था, एक दिन भगवान ने वृद्ध ब्राह्मण का रूप धारण किया और वो उस ब्राह्मण के पास पहुँचे।
निर्धन ब्राह्मण ने अपनी स्थिति के बारे में भगवान को बताते हुए कहा की अगर आपके पास मेरी निर्धनता को दूर करने का कोई उपाय हो तो बताएं। तब वृद्ध ब्राह्मण रुपी भगवान ने कहा की हे ब्राह्मणदेव आप सत्यनारायण भगवान का व्रत सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ करने से जल्द आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।
निर्धन ब्राह्मण ने घर पहुँचकर यह बात अपनी पत्नी को बताई। अगली सुबह ब्राह्मण ने निर्णय लिया की वो भी सत्यनारायण भगवान का व्रत रखेगा। उस दिन भगवान की कृपा से ब्राह्मण को बहुत सारा धन दान के रूप में प्राप्त हुआ। ब्राह्मण ने उस धन से अपने परिवार और बन्धु-बान्धवों के साथ सत्यनारायण भगवान की पूजा और व्रत किया।
नियमित रूप से सत्यनारायण भगवान की पूजा और व्रत करने से ब्राह्मण के सारे कष्ट दूर हो गए और उसके पास बहुत ज्यादा सम्पत्तियाँ और धन भी एकत्रित हो गया। फिर भगवान विष्णु ने नारद जी को बताया की जो भी इंसान सत्यनारायण भगवान की कथा को सुनेगा या पढ़ेगा। उस इंसान के जीवन में आने वाले सभी दुख समाप्त हो जाते है।