पावागढ़ मंदिर । Pavagadh Temple
भारत में आपको अलग अलग जगह पर शक्तिपीठ देखने को मिलेंगे, उन्हीं शक्तिपीठ में से एक शक्तिपीठ पावागढ़ मंदिर में भी है। गुजरात राज्य के पंचमहल जिले के पावागढ़ में पहाड़ी की चोटी पर पावागढ़ मंदिर स्थापित है। ऐसा माना जाता है की पावागढ़ मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है की इस मंदिर में दक्षिणमुखी काली मां की मूर्ति विराजमान है।
अगर आप पावागढ़ मंदिर के दर्शन करने जाने का विचार कर रहे है तो हम आपको बता दें की माची हवेली तक आप आसानी से वाहन के माध्यम से पहुँच सकते है। माची हवेली पहुँचने के बाद आपको पैदल ही मंदिर जाना होता है। माची हवेली से मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको 200 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी होती हैं।
पावागढ़ मंदिर का महत्व बहुत ज्यादा होने के पीछे की एक वजह यह भी है की यहाँ पर माता सती का अंग गिरा था। पौराणिक कथाओ के अनुसार माता सती के पिता प्रजापति दक्ष के यज्ञ में शिव का अपमान हुआ था, माता सती उस अपमान को सहन नहीं कर पाई और उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। भगवान शिव ने माता सती के मृत शरीर को लेकर तांडव करने लगे।
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भगवान विष्णु ने सृष्टि को बचाने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के मृत शरीर के टुकड़े कर दिए। माता सती के शरीर के सभी टुकड़ें अलग अलग जगहों पर जाकर गिरे। जिस जिस जगह पर माता सीता के शरीर के टुकड़ें गिरे उस उस जगह को शक्तिपीठ के नाम से जाना गया। ऐसा माना जाता है की जो भी इंसान पावागढ़ मंदिर में जाकर माता के दर्शन कर लेता है उस इंसान की मनोकामना बहुत जल्द पूर्ण हो जाती है।