हमारे हिन्दू धर्म के सभी ग्रंथों में गायत्री मंत्र की महिमा को बखूबी बयान किया गया है। मानें या ना मानें पर गायत्री मंत्र को हमारे वेदों में लिखित सभी मंत्रों के बीच सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है। सभी ऋषि मुनि अपनी वाणी से इस मंत्र का बहुत ही गुण-गान करते हैं और इसकी महिमा का बखान करते हैं।
पूर्ण गायत्री मंत्र । Full Gayatri Mantra in Hindi
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
पूर्ण गायत्री मंत्र का विवरण :
जटिल से दिखने वाले इस गायत्री मंत्र का अर्थ बड़ा ही सरल सा है। इसके माध्यम से हम ईश्वर का स्मरण करते हैं जिन्होंने इस संसार को बनाया है, जो सभी के लिए पूज्य हैं, जिनमें इस पूरे संसार का ज्ञान व्याप्त है, जो इस संसार से पाप और अज्ञानता का नास करते हैं, वही हमें अँधेरे से निकाल कर रौशनी का मार्ग दिखाएँ।
हमारी हिन्दू संस्कृति में गायत्री मंत्र को जाप करने के लिए तीनों समय अर्थात, सुबह, दोपहर और संध्या काल तीनों को ही उचित बताया गया है। वैसे तो मौन रूप से इस मंत्र का जाप आप कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं, लेकिन यदि आप इस मंत्र का जाप मौखिक रूप से करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना होता है।
कोशिश करें की इस मंत्र का जाप किसी मंदिर या साफ़-सुथरे जगह पर कर रहें हों। साथ ही इस बात का ध्यान रखें की आपने स्वच्छ वस्त्र धारण किया है और स्नान करके खुद को भी स्वच्छ किया है। इस मंत्र के जाप के दौरान आप तुलसी या चन्दन की माला का प्रयोग कर सकते हैं, और इस मंत्र का जाप तेज स्वर में जल्दीबाजी के साथ ना करें बल्कि खुद को शांत चित रखते हुए करें।
इस मंत्र के जाप से आपको कई लाभ प्राप्त होते हैं। गायत्री महामंत्र आपके भीतर एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाता है। इसके जाप से इंसान का मन शांत होता है और धार्मिक कार्यों में रुचि लेने लगता है। इस गायत्री मंत्र का जाप आपके किसी भी अच्छे उद्देश्य को सफल बनता है और आपको बुराइयों से दूर करते हुए आगे का मार्ग दिखाता है।