शांति पाठ । Shanti path
सनातन धर्म में मंत्रों का महत्व बहुत ज्यादा होता है। ग्रह प्रवेश से लेकर किसी भी शुभ काम करने से पहले मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है। शास्त्रों में भगवान को प्रसन्न करने के साथ साथ जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए मंत्र बताए गए है। आज के समय में अधिकतर इंसान किसी ना किसी प्रकार के तनाव का सामना कर रहे है, ऐसे में इंसान उस तनाव से मुक्त होना चाहता है।
अपने जीवन में सुख और शांति प्राप्त करने के लिए इंसान अलग अलग उपाय अपनाता है। घर में शांति पाने के लिए आप मंत्र का सहारा ले सकते है। हिन्दू धर्म के प्रमुख वेद यजुर्वेद में शांति पाठ मंत्र के बारे में बताया गया है। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से आपके जीवन में शांति आती है। चलिए अब हम आपको शांति पाठ मंत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षंशान्ति, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्मशान्ति,सर्वँशान्ति:, शान्तिरेवशान्ति, सा माशान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
शांति पाठ करने का तरीका
शांति पाठ मंत्र को पढ़ने के लिए सुबह का समय सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करके स्वच्छ कपड़ें पहन लें। उसके बाद पूजा स्थल में साफ आसन बिछा कर बैठ जाएं। उसके बाद हाथ में रुद्राक्ष की माला लेकर ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 11 बार करें।
जाप समाप्त होने के बाद दोनों हाथ जोड़कर आपके जीवन में चल रही अशांति को दूर करने की कामना करें। नियमित रूप से शांति पाठ मंत्र का जाप करने से इंसान के शरीर में उर्जा उत्पन्न होने के साथ साथ मस्तिष्क भी हल्का और शांत होता है। इस मंत्र का जाप करने से घर में चल रही अशांति भी बहुत जल्द दूर होती है।