गोवर्धन महाराज और श्री कृष्ण की कथा से सभी परिचित है। कहा जाता है की गोकुल वासियों की रक्षा हेतु प्रभु श्री कृष्ण ने गोवर्धन को अपनी कनिष्ठ उंगली से उठा लिया था और सभी को गोवर्धन की पूजा करने हेतु उपदेश दिया था। हर वर्ष दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजन किया जाता है और इस दिन गोधन यानी गौ वंशों का पूजन किया जाता है। इस पूजा के दिन इस गोवर्धन पूजा मंत्र का जाप बेहद ही लाभकारी माना जाता है।
गोवर्धन पूजा मंत्र हिंदी में । Govardhan puja mantra in Hindi
गोवर्धनेश्वराय विद्महे, धेनुकूटी प्रचोदयात्। तन्नो गोवर्धन प्रचोदयात्।।
गोवर्धन पूजा मंत्र का विवरण :
गोवर्धन पूजा का पशु पालकों के जीवन में खास महत्व होता है, इस दिन गायों और गोवंश की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह नाहा-धो कर आपको श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज की प्रतिमा या एक छोटा चौकर आकार का पर्वत बना कर उसकी पूजा करनी चाहिए। धूप, दीप, फूल, गुड़, घी, दही, चावल, पूर्वांग, आरती आदि के साथ इस पूजा को सम्पूर्ण करें।
इसके बाद इस मंत्र के जाप हेतु एक आपको कुश का आसन का प्रबंध करें। फिर आसान ग्रहण कर इस मंत्र का 108 बार उच्चारण करें। इस मंत्र के जाप से आपके जीवन में सुख समृद्धि आती है। गोवर्धन पूजा गौ-सेवा और गौ-संरक्षण को समर्पित होती है। इसके माध्यम से लोग गायों के प्रति प्रेम और समर्थन दिखाते हैं। सभी जानते हैं की भगवान श्रीकृष्ण को गौ माता से बेहद ही प्रेम था, तो इस दिन गौ पूजन से आप श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
गोवर्धन पूजा के माध्यम से आप सांसारिक सुख-शांति, और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इस पूजा का आयोजन पशु पालकों के लिए खास महत्व रखता है। इस पूजा से उन्हें गौ वंश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे गायों का दूध उत्पादन बढ़ता है और उनकी देखभाल में सुधार होता है।