जय देव जय देव लिरिक्स । Jai dev jai dev lyrics

जय देव जय देव लिरिक्स । Jai dev jai dev lyrics

सनातन धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान गणेश की उपासना की जाती है। शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अलग अलग मंत्र, आरती और चालीसा इत्यादि बताई गई है। जय देव जय देव को सुनने और पढ़ने मात्र से जीवन में आने वाली सभी परेशानियाँ दूर हो जाती है।

- Advertisement -
   

अगर आप किसी बिजनेस की शुरुआत करना चाह रहे है या आपका बिजनेस चल नहीं रहा है तो नियमित रूप से जय देव जय देव का पाठ करने से बहुत जल्द आपके बिजनेस में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। चलिए अब हम आपको जय देव जय देव के बारे में जानकारी देने के साथ साथ पाठ करने का तरीका बता रहे है।

जय देव, जय देव,
जय मंगलमूर्ती, हो श्री मंगलमूर्ती

दर्शनमात्रे मन कामनापुर्ती
जय देव, जय देव

रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी कुंकुम केशरा।
हिरेजड़ित मुकुट शोभतो बरा।
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरीया॥
जय देव, जय देव
जय देव, जय देव,
जय मंगलमूर्ती, हो श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापुर्ती
जय देव, जय देव
लंबोदर पीतांबर फणीवर बंधना।
सरळ सोंड वक्रतुण्ड त्रिनयना।

दास रामाचा वाट पाहे सदना।
संकटी पावावें, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना॥
जय देव, जय देव
जय देव, जय देव,
जय मंगलमूर्ती, हो श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापुर्ती
जय देव, जय देव

घालीन लोटांगण, वंदिन चरण।
डोळ्यांनी पाहिन रूप तुझे।
प्रेमे आलिंगीन आनंदे पुजिन।
भावें ओवाळिन म्हणे नामा॥

त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव॥
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्व मम देवदेव॥

कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा,
बुध्दात्मना वा प्रकृतिस्वभावात्।
करोमि यद्यत् सकलं परस्मै
नारायणायेति समर्पयामि॥

अच्युतं केशवं रामनारायणं,
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरि।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं,
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे॥

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची॥
जय देव, जय देव,
जय मंगलमूर्ती, हो श्री मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मन कामनापुर्त
जय देव, जय देव।।

जय देव जय देव का पाठ करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना गया है। सुबह जल्दी उठ कर स्नान करके स्वच्छ कपड़ें पहन लें। स्वच्छ कपड़ें पहनने के बाद पूजा घर में साफ आसन बिछा कर बैठ जाएं। अपने सामने चौकी पर साफ कपडा बिछा लें, कपड़े के ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो रख लें। भगवान गणेश की मूर्ति के सामने दीपक और धूप बत्ती जला दें। उसके बाद भगवान गणेश का अभिषेक करके पुष्प, फल और मिठाई अर्पित करें।

यह भी पढ़ें: सनातन धर्म में भगवान श्री कृष्ण की उपासना के लिए वैसे तो कई मंत्र बताये गए हैं पर उनमें इस मंत्र की खास विशेषता बताई गयी है, आप भी जानें यह विशेष मंत्र और करें प्रभु श्री कृष्ण की भक्ति।

उसके बाद भगवान गणेश की आरती या चालीसा का पाठ करें। भगवान की आरती करने के बाद ऊपर बताई गई स्तुति को पढ़ें। जय देव जय देव पढ़ने के बाद दोनों हाथ जोड़कर भगवान गणेश से जीवन में आ रही सभी परेशानियो को दूर करने की कामना करें। जय देव जय देव का जाप नियमित रूप से करने से बहुत जल्द भगवान गणेश प्रसन्न होते है।

- Advertisement -