खोडियार माँ को एक लोक देवी माना जाता है जिनकी पूजा गुजरात और राजस्थान के लोगों द्वारा की जाती है। ऐसी मान्यता है की उनका जन्म सातवीं सताब्दी के दौरान गुजरात के इलाकों में हुआ था और उनके पिता मामादजी चरण एक बहुत बड़े शिव भक्त थे और स्थानीय राजा के मित्र थे। कहते हैं उनकी संतान न होने के कारण उनके ही मित्र ने ईर्ष्या और रोष के कारण मामादजी चरण का राज दरबार में आने पर रोक लगा दी थी।
तब मामादजी चरण ने शिवजी की घोर तपस्या से अपने बेटी के रूप में खोडियार माँ को प्राप्त किया। कहा जाता है की उनके भीतर कई शक्तियां थी और वह अपने पूर्व जन्म में नागलोक की राजकुमारी भी थीं। उनके भीतर जन्म से ही योद्धा के गुण और दिव्य अस्त-शस्त्र का ज्ञान था, जिसकी वजह से वहाँ के लोगों ने उन्हें देवी का दर्जा दिया और उनकी पूजा करने लगे।
खोडियार माँ का मंत्र हिंदी में । Khodiyar Maa Mantra in Hindi
ॐ श्री देवी खोडियार माताजी नमः ||
खोडियार माँ के मंत्र का विवरण :
गुजरात के कई स्थानीय लोगों का मानना था की खोडियार माँ माता आदिशक्ति का ही एक रूप हैं। उनका वाहन मगरमच्छ माना जाता है, और उनके एक हाथ में त्रिशूल विराजमान होता है। उत्तर भारत की कई जातियां उन्हें अपने कुलदेवी के रूप में पूजती हैं और उनके नाम को अपने उपनाम के रूप में भी जोड़ती हैं।
खोडियार माँ के नाम के कई मंदिर भी आपको गुजरात और उत्तर भारत में देखने को मिल जायेंगे। कहते हैं की जो भी उनकी पूजा अर्चना सच्चे मन से करता है उसकी सभी बुरी आदतें दूर हो जाती हैं। यदि उसके कुंडली में पिछले जन्म का कोई दोष हो तो वह भी दूर हो जाता है। साथ ही ऐसी मान्यता है की उनके आशीर्वाद से हमारे मन से बुरे विचार दूर होते हैं और हमारा रुझान ज्ञान की तरफ बढ़ जाता है।