धन्वंतरि गायत्री मंत्र हिंदी में । Dhanvantari gayatri mantra in Hindi
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रत्येक इंसान किसी ना किसी बिमारी से ग्रसित है। स्वस्थ शरीर ना होने की वजह से इंसान कभी भी अपना काम सही से नहीं कर पाता है। शास्त्रों में स्वस्थ शरीर पाने के लिए अलग अलग मंत्र बताए गए है। समुद्र मंथन के समय पर समुद्र से अमृत और विष इत्यादि निकले थे। भगवान धन्वंतरि भी समुद्र मंथन के दौरान अवतरित हुए थे।
धन्वंतरि भगवान को आयुर्वेद चिकित्सा के जनक के रूप में जाना जाता है। धन्वंतरि भगवान की उपासना अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन के साथ साथ जीवन में समृद्धि लाने के लिए की जाती है। चलिए अब हम आपको भगवान धन्वंतरि गायत्री मंत्र के बारे में बताने जा रहे है। नियमित रूप से नीचे बताए जा रहे धन्वंतरि गायत्री मंत्र का जाप करने से जल्द आपको रोग से मुक्ति मिलती है।
धन्वंतरि गायत्री मंत्र इन हिंदी
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलशा हस्थाय धीमहि तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात ।।
धन्वंतरि गायत्री मंत्र जप विधि
धन्वंतरि गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करके साफ कपड़ें पहन लें। उसके बाद पूजा स्थल में साफ आसन बिछा कर बैठ जाएं। फिर अपने सामने एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछा लें। चौकी के ऊपर भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या फोटो को रख लें। उसके बाद भगवान की फोटो के सामने घी एक दीपक और धूप बत्ती जला दें।
भगवान को पुष्प, फल और मिठाई अर्पित करें। उसके बाद धन्वंतरि भगवान की आरती और चालीसा पढ़ें। उसके बाद हाथ में कमल की माला या स्फटिक की माला लेकर ऊपर बताए गए गायत्री मंत्र का जाप 108 बार करें। जाप समाप्त होने के बाद दोनों हाथ जोड़कर भगवान धन्वंतरि से स्वस्थ शरीर और बीमारियो से छुटकारा पाने की कामना करें। जल्द भगवान धन्वंतरि की कृपा से आपको लाभ प्राप्त होगा।