माँ कुष्मांडा मंत्र हिंदी में । Maa Kushmanda mantra in Hindi
नवरात्री का चौथा दिन माँ कुष्मांडा को समर्पित होता है। माँ कुष्मांडा को माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप के रूप में जाना जाता है। माता कूष्मांडा का तेज सूर्य के सामान है। ऐसी मान्यता है कि देवी कुष्मांडा ने ही हल्की मुस्कान के साथ सम्पूर्ण ब्रह्मांड की रचना की थी, जिसकी वजह से इन्हे माँ कुष्मांडा के नाम से पुकारा जाता है।
माता कुष्मांडा को अष्टभुजा धारी देवी के नाम से जाना जाता है। माता के हाथो में कमल, कलश, कमंडल, धनुष, बाण, चक्र, गदा और सभी निधियों और सिद्धियों को प्रदान करने वाली जपमाला विराजमान होती है। माता कुष्मांडा की सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से उपासना करने से सभी तरह के कष्ट और रोग दूर हो जाते है।
चलिए आज हम आपको माँ कुष्मांडा मंत्र के बारे में बता रहे है, जिसके उच्चारण मात्र से आपके जीवन की सभी परेशानियाँ चुटकियो में दूर हो जाएगी
माँ कुष्मांडा मंत्र इन हिंदी
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
माँ कुष्मांडा मंत्र का जाप करने का तरीका
माता कुष्मांडा मंत्र का जाप करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर साफ सफाई करके स्नान कर लें। ऐसा मन जाता है की माँ कुष्मांडा को हरा रंग पसंद होता है। इसीलिए सुबह स्नान करने के बाद हरे रंग के कपड़ें पहन लें।
उसके बाद पूजा स्थल में हरे रंग का आसन बिछा लें। उसके बाद अपने सामने माँ कुष्मांडा की फोटो या मूर्ति रख लें। फिर माता की मूर्ति के सामने दीपक या धूप बत्ती जला दें। माँ कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने के बाद पुष्प और फल अर्पित कर दें। उसके बाद ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 108 बार करें।
मंत्र का जाप करने के बाद माता से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करें। माँ कुष्मांडा के मंत्र का जाप करने से माता बहुत जल्द प्रसन्न हो जाती है।