मारण मंत्र एक ऐसा तंत्रिक क्रियाकलाप होता है जिसका उद्देश्य अपने दुश्मनों को हानि पहुँचाना या मृत्यु प्राप्त कराना होता है। मारण मंत्रों का उपयोग नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण से गलत है और यह सामाजिक और मानवीय मूल्यों के खिलाफ माना जाता है। हालाँकि ज्योतिष शास्त्र में मारण मंत्रों का उपयोग नुकसानदायक ग्रहों के प्रभाव से बचने के लिए भी किया जाता है। हम आपको इस बारे में जानकारी दे रहें पर इसका इस्तेमाल किसी के खिलाफ करने से आपको बचना चाहिए।
मारण तंत्र मंत्र हिंदी में । Maran Mantra in Hindi
ऊँ हुँ हुँ फट् स्वाहा ।।
ऊँ डं डां डिं डीं डु डू डें डैं डों डौं डं ड:।
अमुकस्य हन स्वाहा। (अमुकस्य के स्थान पर शत्रु का नाम जप करें)
मारण तंत्र मंत्र का विवरण :
ऊपर बताये गए मंत्रों में से पहला मंत्र दुश्मनों के खिलाफ जीत की चाह से की जाती है। इस मंत्र के सिद्धि के लिए इसका जाप अश्विनी नक्षत्र में करना होता है। इस मंत्र का 21 बार जाप करने से आपके सभी शत्रुओं का नाश होता है। यह मंत्र किसी एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाता है। हालाँकि ऊपर बताये गए दूसरे मंत्र के जाप से आप किसी विशेष शत्रु का नास कर सकते हैं।
ऐसा माना जाता है की दूसरे मंत्र का जाप जिसके खिलाफ किया जाए उसकी मृत्यु का भी कारण बन सकता है। इसीलिए इस मंत्र का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसके इस्तेमाल के बाद आपको अपने भीतर आत्मग्लानि महसूस होती है जो आपके मानसिक तनाव का कारण भी बन जाता है। इन मंत्रों का प्रयोग बहुत सोच-समझकर करना चाहिए।