ॐ अपवित्रः पवित्रो जिसका वर्णन वेदों में मिलता है एक बेहद ही प्रमुख मंत्र है जिसके माध्यम से साधक पवित्रता की प्राप्ति और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त कर सकता है। ऐसा माना जाता है की इस मंत्र के प्रभाव से मोक्ष की भी प्राप्ति की जा सकती है। गंगा स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करना बेहद ही लाभकारी सिद्ध होता है। आप भी जानें यह मंत्र और इसे अपने नित्य जीवन में करें शामिल।
ॐ अपवित्रः पवित्रो मंत्र हिंदी में । Om Apavitrah Pavitro Mantra in Hindi
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥
ॐ अपवित्रः पवित्रो मंत्र का विवरण :
इस मंत्र का अर्थ बड़ा ही सरल सा है, इसके माध्यम से कहा गया है की चाहे कोई व्यक्ति अपवित्र हो या पवित्र, विभिन्न स्थितियों में गया हो या नहीं, जो भी श्री हरि को स्मरण करता है, वह बाहर और अंदर दोनों ही रूप से शुद्ध हो जाता है। ॐ अपवित्रः पवित्रो मंत्र का पाठ विभिन्न पूजा, स्नान या आध्यात्मिक अभ्यास के समय किया जाता है। इस मंत्र को आध्यात्मिक शुद्धि और पवित्रता की प्राप्ति के उद्देश्य से प्रयोग किया जाता है।
ऐसा कहा जाता है की ॐ अपवित्रः पवित्रो मंत्र के जाप से व्यक्ति अपने मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को शुद्ध कर सकता है। यह मंत्र व्यक्ति के आत्मा को उच्चतम सात्त्विकता की ओर ले जाता है और उसे ईश्वर के करीब ले जाता है। यदि कोई व्यक्ति मानसिक दुख या अशुद्धि का अनुभव कर रहा हो, तो इस मंत्र का जाप करके वह अपने आप को शुद्ध कर सकता है और नवीन ऊर्जा के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ा सकता है।