वास्तु मंत्र | Vastu Mantra Lyrics in Hindi

हर व्यक्ति जिस घर में रहता है, वह उसके लिए प्रिय होता है। कोई व्यक्ति अपने आजीविका के लिए जो भी कार्य करता है, वह उसके लिए प्रिय होता है। लेकिन व्यक्ति के जीवन में कई बार ऐसे भी पल आते है जब उसके आजीविका के साधन खतरे में पड़ जाते है, उसके घर परिवार बर्बाद होने लगते है और उसको मालूम ही नहीं चलता कि ये सब क्यों हो रहा है, इसका कारण वास्तु दोष होता है। अगर व्यक्ति वास्तु दोष से छुटकारा पा लेता है तो उसके ये सारे परेशानियाँ दूर हो जाते है, इसके लिए वास्तु मंत्र का जाप (Vastu Mantra Lyrics in Hindi) करना होता है।

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वास्तु मंत्र | Vastu Mantra Lyrics in Hindi

नमस्ते वास्तु पुरुष
भूश्य्या भिरत प्रभो
मद्घृं धन धन्यादि
समृद्धं कुरु सर्वदा

वास्तु मंत्र का अर्थ: हे वास्तु देवता आप परमात्मा है, हे प्रभु आपकी शक्ति अलौकिक है। हे वास्तु देवता आप मनुष्यों के रखवाले है, आप सभी तरह के वास्तु दोष को ख़त्म करके मनुष्यों को समृद्ध जीवन प्रदान करते है। हे वास्तु देवता आपको हमारा प्रणाम है।

वास्तु मंत्र का जाप शनिवार के दिन करना होता है। इस मंत्र का जाप शाम के वक्त सूर्यास्त के बाद करना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय अपना मुख उतर दिशा के तरफ रखना होता है। इस मंत्र का जाप वास्तु देवता के प्रतिमा के सामने करना ज्यादा अच्छा माना जाता है। इस मंत्र का जाप करते समय काला वस्त्र धारण करना होता है।

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वास्तु मंत्र के जाप के दौरान हुमाद का हवन करना होता है। इस मंत्र का जाप नमस्कार की मुद्रा में खड़ा होकर करना होता है। इस मंत्र का जाप लगातार एक सौ आठ बार करना होता है। इस वास्तु मंत्र के प्रभाव से मनुष्य को वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति का व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन सरल और सफल बनता है। इस मंत्र के प्रभाव से घर में और जीवन में शांति और सद्भाव आती है।

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