शनि मंत्र | Shani Mantra in Hindi

आम आदमी का जीवन हमेशा अस्त व्यस्त रहता है, उसे ना तो कुछ सोचने का समय मिलता है और ना ही कुछ समझने का, उसे अपने काम से फ़ुरसत ही नहीं मिलता है। ऐसे में बहुत सारे लोगों का जीवन बहुत तरह की परेशानियों से घिर जाता है और वह समझ ही नहीं पाता की उसके साथ क्या हो रहा है। असल में उस व्यक्ति पर शनि की उलटी चाल चल रही होती है। अब हम आपको इससे छुटकारा पाने का तरीका बताते है। शनि मंत्र (Shani Mantra in Hindi) का जाप ही इससे छुटकारा दिला सकता है।

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शनि मंत्र – Shani Mantra in Hindi

ॐ शं शनैश्चराय नमः।
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि मंत्र का अर्थ: हे शनि देवता आपका हमारा प्रणाम है। आप यमराज को भी नहीं छोड़ते। आपके प्रकोप से लोगों के जीवन में दुःख आ जाता है और यदि आपकी कृपा हो तो जीवन सुचारु ढंग से चलने लगता है

चुकी ग्रहों की कुल संख्या नौ है और हिन्दू धर्म के अनुसार प्रत्येक ग्रह का असर मानव जीवन पर ज़रूर पड़ता है चाहे वो नकारात्मक प्रभाव हो या सकारात्मक। अगर मनुष्यों के जीवन पर किसी ग्रह का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो उसका जीवन ख़ुशनुमा बन जाता है और अगर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो जीवन बदतर बन जाता है।

इस धरती पर रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति शनि के प्रकोप से बचना चाहता है चाहे वो राजा हो या रंक। एक तरफ शनि को सबसे क्रूर माना जाता है, वहीं दूसरी तरफ इन्हें न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शनि देव हरेक व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार ही फल देते हैं।

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शनि देव की पूजा करने से और मंत्र का जाप करने से मनुष्य के जीवन से दुखों का निवारण होता है। शनि देव के मंत्र का जाप प्रत्येक शनिवार को करना होता है, इससे शनि देव प्रसन्न होते है। शनि देव के मंत्र का जाप शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले करना होता है। इस मंत्र का जाप पीपल के पेड़ के नीचे जड़ के पास करना होता है। इस मंत्र का जाप सात बार करना होता है। लगातार सात शनिवार इस मंत्र का जाप करने से मनोकामना पूर्ण होती है और शनि ग्रह दोष से छुटकारा मिलती है।

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