भगवान शिव के अघोर रूप को समर्पित “अघोरोन्ना परो मंत्र” तंत्र मंत्र शास्त्र का एक बेहद ही महत्वपूर्ण मंत्र है। इस मंत्र के जाप से महादेव के अघोरी स्वरूप की स्तुति की जाती है। यह मंत्र अघोरी सम्प्रदाय के तांत्रिक उपायों में उपयोग होता है। इस मंत्र के माध्यम से भगवान शिव के अघोरी रूप की विशेषता और उनके गुणों का वर्णन किया जाता है।
अघोरोन्ना परो मंत्र हिंदी में । Aghoranna Paro Mantra in Hindi
महेशन्नापरो देवो महिम्नो नापरा स्तुति:।
अघोरोन्ना परो मंत्र: नास्ति तत्त्वम गुराे परम।।
अघोरोन्ना परो मंत्र का विवरण :
भगवान शिव का यह मंत्र कहता है की “शिव ही सर्वोपरि हैं, महिम्न स्तोत्र से श्रेष्ठ कोई स्त्रोत नहीं है, ॐ से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है और गुरु से बड़ा कोई सत्य नहीं है”। इस बात का ध्यान रखें की इस मंत्र का जाप केवल एक योग्य गुरु के दिशा-निर्देशन में ही करना चाहिए जिसे अघोर विद्या का ज्ञान हो। यदि आपके गुरु आपको इस मंत्र का उपदेश देते हैं, तो उनके अनुशासन और मार्गदर्शन में ही इस मंत्र का जाप करें।
भगवान शिव का यह मंत्र गुरु-शिष्य संबंध को मजबूत करने और शिष्य के भीतर खुद को गुरु को समर्पित करने की भावना को प्रोत्साहित करता है। साथ ही इस मंत्र का पाठ आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की प्राप्ति में भी मदद करता है। इस मंत्र से गुरु के महत्व का वर्णन किया जाता है और उनके प्रति सम्मान की भावना प्रकट की जाती है। ध्यान रखें की इस मंत्र का पाठ उचित विधि और अनुशासन में ही प्रयोग करना चाहिए।