धन धान्य से परिपूर्ण होकर सुख-समृद्धि प्राप्ति के साथ रोगों से मुक्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप

भगवान कृष्ण मंत्र | Bhagwan Krishna mantra lyrics in Hindi

इस धरती पर निवास कर रहे प्रत्येक जीव में मनुष्य सबसे बुद्धिमान जीव है। इस नाते वह सबसे ज्यादा ख़ुश रहने को इच्छुक रहता है। मनुष्य की इच्छाएँ असीमित है, इस वजह से उसे दुःखो का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर कोई मनुष्य अपनी इच्छा को सीमित रखता है और फिर भी वह कोई न कोई दुःख घिरा रहता है तो इसका मतलब है कि वो किसी रोग से ग्रस्त है या अति निर्धनता आ गई है। इससे छुटकारा पाने के लिए उसे भगवान कृष्ण के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

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भगवान कृष्ण मंत्र

ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय।

भगवान कृष्ण मंत्र का अर्थ:

हे भगवान श्री कृष्ण आपको प्रणाम, आप सभी दुःखो को हरने वाले है, आप सर्वशक्तिमान है, हम पर कृपा करें।

भगवान श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप सुबह के समय सूर्योदय के बाद करना होता है। इस मंत्र का जाप मंदिर में भगवान कृष्ण के प्रतिमा के सामने करना ज्यादा अच्छा रहता है। इस मंत्र का जाप कही भी स्वच्छ खुले स्थान में भी किया जा सकता हैl इस मंत्र का जाप पूरी तरह शारीरिक स्वच्छता के बाद करना होता है।

इस मंत्र का जाप करते समय आँख बंद करके प्रभु श्री कृष्ण का ध्यान करना होता है। इस मंत्र का जाप कम से कम पांच बार करना होता है। इस मंत्र का जाप नमस्कार के मुद्रा में खड़े होकर करना होता है। इस मंत्र का जाप लगातार पांच सप्ताह करने के बाद से ही इसका फल मिलना शुरू होता है।

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इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य के जीवन से निर्धनता दूर होती है। धन धान्य की प्राप्ति होती है। जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस मंत्र के प्रभाव से बीमारियों से मुक्ति मिलती है। जीवन सफल बनता है।

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