आत्म रक्षा का गुण अपने अंदर पैदा करने के लिए इस मंत्र का जाप करना अति आवश्यक है

बजरंगबली का मंत्र | Bajrangbali Mantra lyrics in Hindi

हर कोई अपने जीवन में कभी न कभी ऐसे संकट में फंसा होता है जहाँ से निकलने के लिए उसे आत्म रक्षा के गुण की आवश्यकता पड़ती है।इसके लिए इस धरती पर निवास कर रहे प्रत्येक इंसान में आत्म रक्षा का गुण होना चाहिए। इस गुण को प्राप्त करने के लिए मनुष्य को शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ-साथ आध्यात्मिक रूप से भी तैयार होना पड़ता है। आध्यात्मिक रूप से तैयार होने के लिए बजरंजबली के इस मंत्र का जाप करना होता है।

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बजरंगबली का मंत्र

ॐ नमः वज्र का कोठा ।
जिसमे पिण्ड हमारो पेठा ।
ईश्वर कुंजी ।
ब्रह्मा का ताला ।
मेरे आठो धाम का यति हनुमंत रखवाला।

बजरंगबली के मंत्र का अर्थ:

हे वज्र के समान काया वाले आपको प्रणाम, आप स्वयं ईश्वर है और ईश्वर तक पहुंचने की कुंजी भी, आप मेरे रखवाले है।

राम भक्त हनुमान के इस मंत्र का जाप प्रातः काल में करना होता है। इस मंत्र का जाप सप्ताह में सिर्फ एक दिन मंगलवार को करना होता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले शारीरिक रूप से शुद्ध हो जाना होता है। इस मंत्र का जाप बजरंगबली के प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र का जाप महावीर मंदिर में करना ज्यादा अच्छा होता है।

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इस मंत्र का जाप करते समय नमस्कार की मुद्रा में रहना होता है। इसको करते समय हाथ में लाल फूल रखना होता है और मंत्र खत्म हो जाने के बाद इसे भगवान पर चढ़ा देना होता है। इस मंत्र का जाप कम से कम तीन बार ज़रूर करना होता है। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का आत्म विश्वास बढ़ जाता है, उसमें स्वयं की रक्षा करने का भाव पैदा होता है। इससे मनुष्य का मानसिक संतुलन बना रहता है।

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