जो लोग अपने द्वारा किए गए गलत कामों का बुरा परिणाम भुगत रहे है, वो इस मंत्र के प्रभाव से अपने पापों से मुक्ति पा सकते है

शिव स्तुति मंत्र | Shiv Stuti Mantra lyrics in Hindi

हरेक मनुष्य अपने जीवन काल में ज़रूर कोई न कोई गलत काम करता है। जिसके वजह से उसे कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संकट में घिरा हुआ मनुष्य चाहता है कि वो किसी भी तरह इससे छुटकारा पा ले। इसके लिए वह कई तरह के उपाय भी करता है। लेकिन अपने किए हुए पापों से मुक्ति प्राप्त करके ही संकटों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए मनुष्य को शिव स्तुति मंत्र का जाप करना होता है।

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शिव स्तुति मंत्र

पशूनां पतिं पापनाशं परेशं
गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम।
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं
महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम

शिव स्तुति मंत्र का अर्थ:

हे पशु पति आप पापों को नाश करने वाले हैं, आप पहाड़ों पर विराजमान रहने वाले हैं, आप जटाधारी है, महादेव आप अंतर्यामी हैं।

महादेव का यह मंत्र एक स्तुति मंत्र है। इस मंत्र का जाप दिन के किसी भी पहर में किया जा सकता है। इस मंत्र के जाप से पहले स्नान आदि करके पूरी तरह से शुद्ध हो जाना होता है। इस मंत्र का जाप महादेव के प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय नमस्कार के मुद्रा में रहना होता है।

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महादेव के इस मंत्र का जाप कम से कम पांच बार करना होता है। इसके प्रभाव से पापों का नाश होता हैं। जीवन से संकटों का अंत होता हैं। शिव स्तुति मंत्र से मनुष्य प्रगति की ओर अग्रसर होता हैं। जीवन में खुशहाली आती हैं। पूरा परिवार सुखी संपन्न बना रहता हैं।

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