अज्ञान को दूर करके अपने जीवन में ज्ञान की ज्योति जलाने के लिए करें इस मंत्र का जाप

गायत्री मंत्र | Gayatri mantra lyrics in Hindi

इस संसार में रह रहा हरेक मनुष्य चाहता है कि वो ज्ञानी बने लेकिन वास्तव में कुछ ही मनुष्य ज्ञानी बन पाते है। इसके लिए वो कड़ी तपस्या के दौर से गुजरते है। ज्ञानी मनुष्य जिस भी क्षेत्र में होते है वो वहाँ साधना करते रहते है। अगर कोई मनुष्य ज्ञानी बनना चाहता है तो उसे अपने कर्म करने के साथ-साथ अध्यात्मिक मंत्र का भी जाप करना होता है। सामान्यतः ज्ञानी मनुष्य ऐसा ही करते है।

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गायत्री मंत्र

ॐ भूर् भुवः स्वः
तत् सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्

गायत्री मंत्र का अर्थ:

हम उस भगवान से विनति करते है, जो पूजनीय है, जो दुखों का नाश करने वाले है, जो सुख के भंडार है ,जो ज्ञान के भंडार है, जो अज्ञान को दूर करने वाले हैं, जो कर्मो का उद्धार करने वाले है। ऐसे प्रभु से निवेदन है कि वह हमें आत्म चिंतन करने की शक्ति दे ताकि हम सत्य पथ पर चले और ज्ञान की प्राप्ति करें।

माता गायत्री के इस मंत्र का जाप रोज सुबह के समय ही करना होता है। इसे सूर्योदय के समय या सूर्योदय के बाद करना होता है। इसे करने से पहले पूरी तरह शारीरिक रूप से शुद्ध हो जाना होता है। इस मंत्र का जाप गायत्री माता के प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र का जाप आप अपने इच्छा अनुसार जितना बार चाहे उतना बार कर सकते है लेकिन कम से कम तीन बार किया जाना चाहिए।

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इस मंत्र के प्रभाव से मानसिक संतुलन अच्छा रहता है। इस मंत्र के परिणाम से आपके ज्ञान में हमेशा वृद्धि होती रहती है। आप जो भी काम करते है उसमें सफलता हासिल होती है। यह मंत्र आपको सत्य के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है तथा इससे सुख की प्राप्ति होती है।

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