जब भी कोई पूजा या आराधना की जाती तो भगवान को भोग चढ़ाया जाता है और इस दौरान ईश्वर को भोग लगाने के मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र का उपयोग ईश्वर को अपनी भक्ति भाव से भोजन और प्रसाद समर्पित करने के लिए किया जाता है। हिन्दू धर्म में ईश्वर को भोग लगाने को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इससे हमें भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
भोग मंत्र हिंदी में । Bhog Mantra in Hindi
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
भोग मंत्र का विवरण :
हर पूजा में उपयोग किया जाने वाला यह एक बेहद ही महत्वपूर्ण मंत्र है और इसके जाप के बाद ही भगवान को समर्पित भाव से उनको भोजन और प्रसाद लगाएं। इस मंत्र का अर्थ बड़ा ही सरल सा है, इसके माध्यम से कहा गया है की “हे ईश्वर, मेरे पास जो भी है वह सब आपकी कृपा से ही प्राप्त हुआ है और आपके द्वारा दिए हुए को ही मैं आपको समर्पित कर रहा हूँ, कृपा करके इसे ग्रहण करें और मुझे आशीर्वाद दें।
ईश्वर को भोग लगाना हर पूजा में लगभग अनिवार्य होता है, इस मंत्र के जाप के साथ भोग लगाने से हमें भगवान की कृपा मिलती है और भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है। यह मंत्र ईश्वर की आराधना और पूजन का एक बेहद ही विशेष भाग माना गया है और यह उन्हें भोजन और प्रसाद ग्रहण करने के लिए आपकी पूजा में आमंत्रित करता है।