बृहस्पति मंत्र | Brihaspati Mantra Lyrics in Hindi

मनुष्य इच्छाओं का दूसरा नाम है। इस धरती पर रहने वाले सभी जीवों में मनुष्य सबसे अधिक इच्छाधारी जीव है। मनुष्य की इच्छा अनंत है, उसकी इच्छाओं की कोई सीमा नहीं है। हरेक मनुष्य चाहता है कि उसकी सारी इच्छाएँ पूरी हो लेकिन वास्तविक जीवन में ऐसा नहीं हो पाता। मनुष्य की कोई न कोई इच्छा अधूरी रह जाती है। अगर कोई मनुष्य चाहता है कि उसकी सारी अधूरी इच्छाएँ पूरी हो जाए तो उसको भगवान बृहस्पति देव के मंत्र का जाप (Brihaspati Mantra Lyrics in Hindi) करना होगा।

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बृहस्पति मंत्र | Brihaspati Mantra Lyrics in Hindi

देवानां च ऋषीणां च
गुरुं का चनसन्निभम
बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं
नमामि बृहस्पितम

बृहस्पति मंत्र का अर्थ: हे बृहस्पति देव आप सारे जग के स्वामी है। हे बृहस्पति देव आप सभी देवताओं और ऋषियों के गुरु हैं। हे बृहस्पति देव हम आपको प्रणाम करते है। हे बृहस्पति देव आप बुद्धि के स्वामी हैं। हे भगवान बृहस्पति देव आप तीनों लोकों को नियंत्रित करते हैं।

भगवान बृहस्पति देव के मंत्र का जाप ब्रह्म मुहूर्त में सुबह के समय करना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय तुलसी की माला का उपयोग करना होता है। इस मंत्र का जाप सप्ताह में सिर्फ एक दिन करना है। भगवान बृहस्पति देव के मंत्र का जाप बृहस्पतिवार के दिन करना होता है। इस मंत्र का जाप भगवान बृहस्पति देव के प्रतिमा के सामने करना होता है।

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भगवान बृहस्पति देव के मंत्र के जाप के समय पीले रंग का वस्त्र पहनना होता है क्योंकि यह रंग भगवान बृहस्पति देव का प्रतिनिधित्व करता है। इस मंत्र का जाप करते समय भगवान पर पीले रंग का फूल चढ़ाना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय घी के दीये जलाने होते है। इस मंत्र का जाप मात्र पांच बार करना होता है। इस मंत्र के जाप के प्रभाव से मनुष्य की आधी अधूरी इच्छा पूरी हो जाती है और मनुष्य का जीवन सुखद बन जाता है।

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