बृहस्पति वैदिक मंत्र हिंदी में । Brihaspati Vedic Mantra in Hindi

बृहस्पति वैदिक मंत्र एक बेहद ही प्रमुख मंत्र है जिसका वर्णन हमें वेदों में भी पढ़ने को मिलता है। माना जाता है की इस मंत्र का उपयोग बृहस्पति ग्रह की शुभता पाने के लिए और अपने जीवन से सभी कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इस वैदिक मंत्र का वर्णन ऋग्वेद के “जयम् बृहस्पतये” उपनिषद में मिलता है और इसका जाप से बृहस्पति ग्रह (गुरु ग्रह) के शुभ प्रभाव की प्राप्ति की जा सकती है।

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बृहस्पति वैदिक मंत्र हिंदी में । Brihaspati Vedic Mantra in Hindi

देवानां च ऋषीणां च गुरुं कांचन संभवम्‌।
बूढ़ेभ्यः श्रेयो ददाति सत्यमातरं देवताः॥

बृहस्पति वैदिक मंत्र का विवरण :
यह मंत्र देवताओं और ऋषियों के गुरु माने जाने वाले बृहस्पति देव के प्रति समर्पण और भक्ति को प्रकट करता है। इस मंत्र का जाप करने के लिए, आपको पहले अपने मन को शांत कर ध्यान लगाना चाहिए और देवताओं, ऋषियों और बृहस्पति ग्रह की आराधना करनी चाहिए। फिर, इस मंत्र का 11 बार जाप करें और अपनी समस्याओं के समाधान और शुभता की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।

यह भी पढ़ें: हिन्दू धर्म के पौराणिक ग्रंथों और वेदों में ब्रह्मास्त्र को सबसे शक्तिशाली अस्त्र बताया गया है। ब्रह्मास्त्र को समर्पित इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन से सभी परेशानियां और कष्ट दूर हो जाते हैं।

इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन में बृहस्पति ग्रह के शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। अगर किसी के कुंडली में बृहस्पति दोष है तो इस मंत्र की सहायता से उसे भी दूर किया जा सकता है। यह मंत्र व्यक्ति को विद्या और ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित करता है और मन में जिज्ञासा की भावना जगाता है। इस मंत्र के जाप से समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन मंगलमय बनता है।

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