दुर्गा मंत्र | Durga mantra lyrics in Hindi
इस संसार में प्रत्येक मनुष्य की पहचान उसके माता-पिता उसके परिवार से जुड़ी होती है। हर मनुष्य चाहता है कि उसका परिवार सुखी समृद्ध रहे। इसके लिए वह हर तरह के कार्य करता है। अपने परिवार के कल्याण के लिए मनुष्य को कमाने के साथ-साथ अध्यात्म का भी मार्ग अपनाना चाहिए। इसके लिए उसे शक्ति की देवी माता दुर्गा के मंत्र का जाप करना चाहिए।
दुर्गा मंत्र
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,
त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविड़म त्वमेव,
त्वमेव सर्वम् मम् देव देव
दुर्गा मंत्र का अर्थ:
हे भगवान, आप ही मेरी माता हो और आप ही मेरे पिता हो, आप ही मेरे भाई हो और आप ही मेरे मित्र हो। आप ही विद्या हो, आप ही धन हो। हे माता, आप ही, मेरे सब कुछ हो।
इस मंत्र का जाप प्रतिदिन प्रातः काल में करना होता है। इस मंत्र का जाप करने के पूर्व नहाकर अच्छी तरह से स्वच्छ हो जाना होता है। इसका जाप माता दुर्गा के मंदिर में करना चाहिए। इसे घर पर भी किया जा सकता है लेकिन माता दुर्गा तस्वीर या प्रतिमा होनी चाहिए। इस मंत्र का जाप पांच बार करना होता है।
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इस मंत्र के प्रभाव से आपके परिवार का कल्याण होगा। पारिवारिक शांति बनी रहेगी। आपके परिवार के सभी सदस्य का विकास होता रहेगा। किए गए कार्यों में सफलता हासिल होगी। इस मंत्र से आपके परिवार में समृद्धि बढ़ेगी। इससे आपका परिवार हमेशा सुखी रहेगा।