देवता इंद्रा से जुड़े इस मंत्र को एक बेहद ही शक्तिशाली वशीकरण मंत्र माना जाता है। हमारे धर्म में इंद्रा देव को एक छल कपट करने वाले देवता के रूप में जाना जाता है। उनके इसी छल कपट की विद्या को इंद्रजाल के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है की रावण भी इस विद्या में बेहद ही निपुण था।
इस विद्या को एक जादू टोने और मायाजाल के रूप में भी देखा जाता है। इस इंद्रजाल के लिए एक जड़ी का इस्तेमाल किया जाता है जो मुख्य तैयर पर समुद्र स्थल तथा पहाड़ी क्षेत्र में ही पायी जाती है। इस जड़ी की मदद से ही इसे अभिमंत्रित कर इसके कई रूप से इस्तेमाल किये जाते हैं, जैसे वशीकरण, जादू टोना इत्यादि। हालाँकि इसके कई सकारात्मक उपयोग भी हैं, लेकिन आज के नए समय से सभी इसे बुरे के रूप में ही देखते हैं।
इंद्रजाल मंत्र हिंदी में । Indrajal Mantra in Hindi
ओम नमो नारायणाय विश्वम्भराय इंद्रजाल कौतुक निदर्शये दर्शय सिद्धि कुरु स्वाहा
इंद्रजाल मंत्र का विवरण :
अगर आप इंद्रजाल के पौधे को इस मंत्र के साथ सिद्ध कर लें तो आप इसके कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसे सिद्ध करने के लिए इंद्रजाल के पौधे के साथ अमावस्या, पूर्णिमा या दीवाली के दिन रात्रि के समय अकेले में इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इस प्रक्रिया से आपका इंद्रजाल पौधा सिद्ध हो जाएगा और इसके बाद आप इसका इस्तेमाल अलग-अलग कार्यों के लिए कर सकते हैं।
इंद्रजाल के इस पौधे को अपने घर में रखने से आपके घर पर किसी की भी बुरी नजर नहीं लगती। इंद्रजाल का यह पौधा नजर दोष, शत्रु बाधा, संतान प्राप्ति के लिए बेहद ही लाभकारी सिद्ध होता है। ऐसी भी मान्यता है की जिस घर में इंद्रजाल की जड़ी हो उसपर किसी भी जादू-टोना, तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता।
इससे आपके घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और एक सुखद और शांति का माहौल बनता है। वैसे तो इस इंद्रजाल के कई सारे सकारात्मक फायदे हैं, लेकिन लोग इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर वशीकरण या काला जादू के लिए ही करते हैं।