हिन्दू धर्म के वेद पुराणों में भगवान शिव की उपासना हेतु कई मंत्रों का वर्णन किया गया है। किन्तु उन सभी में ज्योतिर्लिंग मंत्र का एक विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिर्लिंग मंत्र का उद्भव भगवन शिव के बारह ज्योतिर्लिंग को समर्पित है। माना जाता है की जो भी इन ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर ले उसके जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और साधक को मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।
ज्योतिर्लिंग मंत्र हिंदी में । Jyotirlinga Mantra in Hindi
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
ज्योतिर्लिंग मंत्र का विवरण :
भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग मंत्र का जप आप किसी भी शुभ मुहूर्त में पूर्ण ध्यान और भक्ति भाव से कर सकते हैं। हालाँकि, इस मंत्र का जाप अगर आप सोमवार के दिन करें तो आपको विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इस बात का भी ध्यान रखें की इस मंत्र का जाप करते समय इसका उच्चारण बिलकुल सही हो और आपके भीतर शुद्ध भक्ति भाव हो। इस मंत्र का जाप आपको प्रतिदिन पूरी एकाग्रता से करना होता है।
कहते हैं की ज्योतिर्लिंग मंत्र का जप यदि शिवरात्रि के दिन किया जाए तो भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिर्लिंग मंत्र का जप भगवान शिव की अनुभूति, ध्यान, और भक्ति को बढ़ाता है। इस मंत्र का जप आपको शक्ति और संतुलन को प्राप्त करने में मदद करता है। इस मंत्र के जाप से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में समृद्धि, शांति, और सुख की प्राप्ति होती है।