कलश स्थापना मंत्र हिंदी में । Kalash Sthapana mantra meaning in Hindi
नवरात्री के बारे में तो हम सभी अच्छी तरह से जानते ही है। नवरात्री साल में दो बार आती है और सभी हिन्दू धर्म के लोगो के लिए नवरात्री का खास महत्व होता है। ऐसा माना जाता है की नवरात्री में सच्चे मन से जो भी माँगा है देवी माँ उसे पूरा कर देती है।
नवरात्री के पहले नवरात्री पर सभी घरो में कलश की स्थापना की जाती है। लेकिन अगर कोई भी इंसान कलश की स्थापना पूर्ण विधि विधान से नहीं करता है तो उस इंसान की पूजा अधूरी मानी जाती है।
अधिकतर इंसानो को कलश स्थापना मंत्र के बारे में जानकारी नहीं होती है। अगर आपको भी कलश स्थापना मंत्र के बारे में जानकारी नहीं है तो नीचे हम आपको कलश स्थापना मंत्र के साथ साथ कलश स्थापना का तरीका भी बता रहे है।
कलश स्थापना मंत्र इन हिंदी
ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:।
पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।।
कलश स्थापना का तरीका
कलश स्थापना करने के लिए सबसे पहले तांबा, स्टील और मिट्टी का कलश लें लें। जिस जगह पर आपको कलश की स्थापना करनी है उस जगह को अच्छी तरह से साफ कर लें। कलश की स्थापना जिस जगह पर करनी है उस जगह पर पर एक साफ सूती लाल रंग का कपडा बिछा दें।
उसके बाद कलश में जल भरकर रख दें। फिर कलश पर रोली से स्वस्तिक बना दें। उसके बाद कलश पर कलावा बाँध दें। फिर कलश के मुंह पर आम के पत्ते रख कर उसके ऊपर नारियल रख दें। कलश रखते समय कलश स्थापना मंत्र का जाप जरूर करें।