काली माता आरती । Kali Mata Aarti
सनातन धर्म में काली माता को प्रमुख शक्तिशाली देवियो में से एक माना गया है। काफी सारे इंसान यह सोचते है की काली माँ की उपासना तंत्र विधा या तांत्रिक करते है। हालाँकि यह सोच पूर्ण रूप से गलत है काली माता की उपासना कोई भी कर सकता है। नियमित रूप से काली माता की उपासना करने से इंसान के मन से भय समाप्त हो जाता है, आरोग्य की प्राप्ति होती है और शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।
अगर आप किसी ऊपरी समस्या या तंत्र मंत्र से पीड़ित है तो काली माँ की उपासना करने से ऐसी सभी परेशानी बहुत जल्द दूर हो जाती है। अगर आप अपने जीवन में सुख और समृद्धि पाना चाहते है तो काली माता की उपासना करें। चलिए अब हम आपको काली माता की आरती के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है। नीचे बताई जा रही आरती को करने से जल्द माँ की कृपा आप पर बरसती है।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।।
तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी ।
दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ।।
सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली ।
दुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।।
माँ बेटे का है इस जग में, बड़ा ही निर्मल नाता ।
पूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता ।।
सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली ।।
दुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।।
नहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना ।।
सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली ।
सतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।।
काली माँ की आरती करने का तरीका
काली माता की आरती आप सुबह और शाम कर सकते है। चलिए अब हम आपको सुबह काली माँ की आरती करने का तरीका बता रहे है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर घर की साफ सफाई और फ्रेश होने के बाद स्नान कर लें। स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़ें पहन लें। फिर पूजा स्थल पर साफ आसन बिछा कर बैठ जाएं। अपने सामने एक चौकी पर काले रंग का साफ कपडा बिछा लें।
कपड़े के ऊपर माँ काली की मूर्ति या फोटो को रख लें। माता के सामने दीपक और धूप बत्ती जलाने के बाद माता का अभिषेक करें। अभिषेक करने के बाद माता को फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। उसके बाद ऊपर बताई गई काली माँ की आरती को पढ़ें। आरती पूर्ण होने के बाद काली माता से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करें।