कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र हिन्दू धर्म का एक बेहद ही प्रभावशाली और प्रमुख मंत्र है जिसका जाप माँ लक्ष्मी, देवी सरस्वती और माँ गौरी की उपासना हेतु की जाती है। माना जाता है की इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को धन, समृद्धि, वैभव, और संपत्ति की प्राप्ति होती है। इस मंत्र को धार्मिक अनुष्ठान और ज्योतिष शास्त्र में उपासना के लिए भी उपयोगी माना जाता है। तो, आप भी जानें यह विशेष मंत्र और करें इसका जाप।
कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र का अर्थ हिंदी में । Karagre Vasate Lakshmi Mantra meaning in Hindi
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थिता गौरी, प्रभाते करदर्शनम्॥
कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र का अर्थ :
इस मंत्र का अर्थ बड़ा ही सरल सा है, इसके माध्यम से कहा गया है की “हे लक्ष्मी माँ जो हाथ के अग्रभाग में वास करती हैं, हे सरस्वती माँ जो हाथ के मध्यभाग में वास करती हैं, और हे गौरी माँ जो हाथ के मूल में स्थित हैं। मैं तीनों ही देवियों का सम्मानपूर्वक नमन करता हूँ और इस प्रातः काल की बेला में आपका दर्शन प्राप्त करना चाहता हूँ”।
कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र जाप की विधि :
इस मंत्र का जाप करने का सबसे उपयुक्त समय सुबह को माना जाता है। सुबह उठकर, स्नान इत्यादि करके पहले स्वयं को स्वच्छ कर लें, फिर साफ़ और शुद्ध वस्त्र का धारण करें और अपने पूजा स्थान पर आसान ग्रहण करें। इसके बाद इस मंत्र का 108 बार पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से जाप करें। मंत्र जाप के बाद माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती और माँ गौरी की प्रतिमा के समक्ष एक दीप प्रज्वलित करें।
कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र के लाभ :
माना जाता है की इस कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र का जाप जो भी व्यक्ति नियमित रूप से और श्रद्धा भाव से करता है, उसके जीवन में धन, समृद्धि, और वैभव की बढ़ोतरी होती है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की सभी आर्थिक परेशानियां समाप्त हो जाती हैं, और उन्हें धन संबंधी समस्याओं जैसे कर्ज इत्यादि के समाधान में भी माँ लक्ष्मी की सहायता प्राप्त होती है। साथ ही इस मंत्र का जाप संकटों और दुर्भाग्य से मुक्ति दिलाने हेतु शुभ माना जाता है।