हमारे हिन्दू धर्म में कई तरह के मंत्र हैं, और सभी का अपना एक अलग महत्व है। इन मंत्रों के जाप से हमारे शरीर में एक नई स्फूर्ति और ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो हमारे मन और मस्तिष्क में एक सकारात्मक प्रभाव डालता है और इन्हें स्वास्थ्य रखता है। इसी तरह भगवान शिव के इस कर्पूरगौरं मंत्र (Karpur Gauram Mantra in Hindi) के जाप से आप देवों के देव महादेव को प्रसन्न कर सकते हैं।
कर्पूरगौरं मंत्र । Karpur Gauram Mantra in Hindi
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ॥
कर्पूरगौरं मंत्र का विवरण :
हमारे हिन्दू धर्म के बेहद ही महत्वपूर्ण वेदों में से एक यजुर्वेद में भी इस मंत्र का विशेष उल्लेख है। इस मंत्र के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का बखान किया गया है। इसमें उनके रूप के बारे में बताते हुए कहा गया है की वो किसी कपूर की भांति शुद्ध और प्रकाशित करने वाले हैं। उन्हें पूरे संसार की चिंता रहती है और उनके भीतर सभी के प्रति करुणा का वास है।
उन्हें इस पूरे संसार की आत्मा अर्थात प्राणदान देने वाला माना जाता है, जो अपने गले में इस पूरे जगत के सबसे बड़े और जहरीले सर्प को किसी माला की तरह धारण करते हैं, जिनके पवित्र हृदय में इस पूरे संसार का वास है, उन शिव और माता पार्वती को हम पूरे मन से नमन करते हैं।
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ऐसा कहा जाता है की यह मंत्र बेहद ही लाभकारी है। इसके जाप से हमारे मार्ग में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं, और देवों के देव शिव हमें हमारी हर मुश्किल से निपटने में हमारी मदद करते हैं। ऐसी भी मान्यता है की यह मंत्र हमारी आत्मा को सकारात्मक प्रभाव से भरता है और सभी नकारात्मक ऊर्जा को हमारे भीतर से दूर करता है।