हिन्दू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का एक विशेष महत्व माना जाता है। इस पर्व का आयोजन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में किया जाता है। हिन्दू पंचांग के आधार पर हर वर्ष भाद्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को इस पर्व का आयोजन किया जाता है। यह एक बेहद ही प्रसिद्ध पर्व है जिसे पूरे भारत में तो मनाया ही जाता है, विदेशों में भी इसे सभी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के विशेष मंत्रों का जाप और उनकी पूजा की जाती है।
कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र हिंदी में । Krishna Janmashtami Mantra in Hindi
।। ॐ कृष्णाय नमः ।।
।। वसुदेव सुतं देव कंस चाणूर मर्दनम्। देवकी परमानंदं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।
।। हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे ।।
कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र का विवरण :
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा करने हेतु व्रती व्यक्ति को सूर्योदय के पहले ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान कृष्ण की पूजा के लिए मूर्ति, धूप, दीपक, पुष्प, अखंड ज्योत, फल, पानीय और भोग की सामग्री की तैयारी करें। फिर भगवान कृष्ण की मूर्ति को अपने पूजा घर में स्थापित करें और भक्ति भाव से उनका पूजन कर उन्हें फूल, पुष्प, अखंड ज्योत, फल और भोग आदि से आतिथ्य दें। फिर उनके मंत्रों का जाप करें।
पूजा के अंत में श्रीकृष्ण आरती का पाठ भी बेहद शुभ माना जाता है। भगवान कृष्ण की पूजा और उनके मंत्रों के जाप से मानसिक शांति, ध्यान समर्पण, और आत्मा की उन्नति होती है। यह त्योहार भगवान के जीवन और उनके उपदेशों को याद कर उन्हें जीवन में आत्मसात करने का एक अवसर प्रदान करता है। यह त्योहार सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है, क्योंकि लोग मिलकर उसे धूमधाम से मनाते हैं।