माता पार्वती की दस महाविद्याओं में दूसरी विद्या के स्वरूप को ही माँ तारा के नाम से जाना जाता है। माँ तारा के नील वर्ण की वजह से उन्हें नील सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है की राक्षस हीय्ग्रीव का वध करने हेतु माता ने यह नीला रूप धारण किया था और उनका यह रूप बेहद ही उग्र है, जिसकी वजह से उन्हें उग्रा भी कहते हैं।
माँ तारा को इस संसार के सभी व्यक्तियों को तारने वाली माता के रूप में जाना जाता है, अर्थात उन्हीं की कृपा से सभी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तारा माता का यह मंत्र हमें उनकी कृपा दिलाता है और भय और भयानक स्थितियों से मुक्ति प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होता है। माँ तारा का यह मंत्र बेहद ही चमत्कारी माना जाता है। आप भी जानें इसके जाप करने से जुड़ी पूरी जानकारी।
माँ तारा मंत्र हिंदी में । Maa Tara Mantra in Hindi
ॐ ह्रीं स्त्रीं हूं फट् स्वाहा॥
माँ तारा मंत्र की विधि और लाभ :
माँ तारा के इस मंत्र के जाप हेतु सबसे पीला अपने मन को सभी बुरे विचारों से दूर करें और शुद्धता का भाव अपने मन में लाएं। इसके बाद माँ तारा की प्रतिमा को अपने पूजा घर में स्थापित करें और एक रुद्राक्ष की माला के साथ इस मंत्र का जाप करें। अगर आपके पास माला ना हो तो भी कोई बात नहीं आप इस मंत्र का जाप ऐसे भी कर सकते हैं। हालाँकि, इस बात का ध्यान रखें की इस मंत्र का जाप नियमित रूप से एक ही समय पर करना जरूरी होता है।
माँ तारा के इस मंत्र को बेहद ही लाभकारी माना जाता है, कहते हैं की इस मंत्र के जाप से साधक को भय, दुख, और भयानक स्थितियों से मुक्ति मिलती है। माँ तारा का यह मंत्र रोगों का निवारण करने और स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक माना जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है की यह मंत्र व्यक्ति के जीवन से सभी संकटों का नाश करता है और सभी बुराइयों को आपसे दूर रखता है।