महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ हिंदी में । Mahamrityunjay mantra meaning in Hindi

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ हिंदी में । Mahamrityunjay mantra meaning in Hindi

भगवान् शिव को सबसे शक्तिशाली भगवान के रूप में जाना जाता है। सभी भगवानो में सिर्फ शंकर भगवान ही है जिनके त्रिनेत्र है, ऐसा कहा जाता है की जिस दिन भगवान शिव की तीसरी आँख खुल गई उस दिन पृथ्वी पर प्रलय आ जाएगी। महामृत्युंजय मंत्र के बारे में शिवपुराण, ऋग्वेद और यजुर्वेद जैसे अनेक ग्रंथो में बताया गया है।

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महामृत्युंजय मंत्र को जीवन देने वाला मंत्र या संजीवनी मंत्र भी कहा जाता है। अधिकतर इंसानो को इस मंत्र का नाम तो पता होता है लेकिन उन्हें इस मंत्र के बारे में जानकारी नहीं होती है। चलिए आज हम आपको महामृत्युंजय मंत्र के साथ महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ भी बताने जा रहे है। इस मंत्र के जाप करने से इंसान गंभीर से गंभीर बिमारी से छुटकारा पा सकते है।

महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ हिंदी में
महामृत्युंजय मंत्र का मतलब है कि हम तीन नेत्र वाले भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं, भगवान शिव ही हर सांस में जीवन शक्ति का संचार करने के साथ साथ सम्पूर्ण जगत का पालन पोषण करते हैं। भगवान शिव से हमारी प्रार्थना है कि वो हमें मृत्यु रुपी बंधनों से मुक्त करें, जिससे हमे मोक्ष की प्राप्ति हो।

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जिस तरह से ककड़ी पकने के बाद बेल के बंधन से आजाद हो जाती है, इसी तरह से हमे भी संसार रूपी बेल में पक जाने के बाद जन्म मृत्यु के बंधनो से सदा के लिए मुक्ति मिलें।

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