मंगल सेवा लिरिक्स । Mangal ki seva lyrics

मंगल सेवा लिरिक्स । Mangal ki seva lyrics

काली माता को शक्ति और विनाश की देवी के रूप में भी जाना जाता है। काली माता के स्वरूप की बात करें तो माता काली का पूरा शरीर काले रंग का दिखाई देता है, माँ क्रोध में दिखाई देती है और माता गले में खोपडियो माला नजर आती है। काली माता के क्रोध से देवता से लेकर असुर तक सभी डरते है। लेकिन काली माता को देवी और देवताओं में सबसे दयालु देवी के रूप में भी जाना जाता है।

शास्त्रों में काली माता को प्रसन्न करने के लिए अलग अलग उपाय बताए गए है। काली माता की उपासना करने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियाँ दूर होने के साथ साथ जीवन सुखमय बनता है। चलिए अब हम आपको मंगल की सेवा आरती के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है।

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मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े ।

पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल,
ले ज्वाला तेरी भेंट धरे ।।

सुन जगदम्बे न कर बिलंबे,
सन्तन के भण्डार भरे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े

बद्धि विधाता तू जगमाता,
मेरा कारज सिद्ध करे ।

चरण कमल का लिया आसरा,
शरण तुम्हारी आन परे ।

जब जब भीर पड़े भक्तन पर,
तब तब आय सहाय करे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े

गुरु’ के बार सफल जग मोह्यो,
तरुणी रूप अनूप धरे।

माता होकर पुत्र खिलावै,
कहीं भार्या भोग करे।।

शुक्र सुख-दाई सदा सहाई,
सन्त खड़े जयकार करे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े

ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,
भेंट देन तब द्वार खड़े ।

अटल सिंहासन बैठी माता,
सिर सोने का छत्र फिरे ।

वार शनिश्चर कुंकुम वरणी,
‘जब लुकड़ पर हुकुम हुकुम करे।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े
खङ्ग खप्पर त्रैशूल हाथ लिये,
रक्त बीज कूँ भस्म करे ।

शुम्भ निशुम्भ क्षणहि में मारे,
महिषासुर को पकड़ दले ।

आदित वारी आदिभवानी,
जन अपने काकष्ट हरे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े

कुपित होय कर दानव मारे,
चण्ड मुण्ड सब चूर करे।

जब तुम देखौ दयारूप हो,
पल में संकट दूर टरे ।

सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,
जनकी अर्ज कबूल करे।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े

सात वार की महिमा बरनी,
सब गुण कौन बखान करे ।

सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी
अटल भवन में राज्य करे।

दर्शन पावें मंगल गावें
सिध साधक तेरी भेंट धरे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड़ तेरे द्वारा खड़े

ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे,
शिवशंकर हरि ध्यान करे ।

इन्द्र कृष्ण तेरी करें आरती,
चमर कुबेर डुलाय करे ।

जय जननी जय मातु भवानी,
अचल भवन में राज्य करे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जय काली कल्याण करे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,
जै काली कल्याण करे ।।

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,

मंगल सेवा आरती को करने का तरीका
काली माँ की आरती करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल पर एक चौकी के ऊपर साफ कपड़ा बिछा लें। फिर उस कपड़ें के ऊपर माँ काली की मूर्ति या फोटो को रख लें। आप चाहे तो काली माता के मंदिर में जाकर भी मंगल सेवा आरती को कर सकते है। उसके बाद काली माता की मूर्ति के सामने दीपक और धूप बत्ती जला दें। उसके बाद काली माता का अभिषेक करके माता को पुष्प, फल और मिठाई अर्पित करें।

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काली माता की पूजा करने के बाद ऊपर बताई गई आरती कर लें। आरती समाप्त होने के बाद दोनों हाथ जोड़कर काली माता से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करें। नियमित रूप से काली माता की आरती करने से बहुत जल्द काली माता की कृपा से आपके जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते है। ऐसा माना जाता है की काली माता की आरती करने से इंसान को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

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