जैन धर्म के लोग किसी भी धन की मोह माया में नहीं रहते, उनके लिए इन भौतिक साधनों का कोई महत्व नहीं होता, उन्हीं का यह खास मंत्र है ये णमोकार महामंत्र। यह मंत्र किसी भी खास देव की साधना के लिए नहीं होता, बल्कि इसके जाप से सभी ऋषि मुनि, देवी-देवता, और संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
णमोकार महामंत्र हिंदी में । Namokar Mantra in Hindi
णमो अरिहंताणं,
णमो सिद्धाणं,
णमो आयरियाणं,
णमो उवज्झायाणं,
णमो लोए सव्व साहूणं,
एसो पंच णमोक्कारो, सव्व पाव-प्पणासणो।
मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं॥
अरिहंतो को नमस्कार।
सिद्धों को नमस्कार।
आचार्यों को नमस्कार।
उपाध्यायों को नमस्कार।
सर्व साधुओं को नमस्कार।
णमोकार महामंत्र का विवरण :
इस मंत्र का मुख्य तौर पर उद्देश्य आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति करना होता है न की किसी प्रकार का धन प्राप्त करने की। अतः जो भी इसका जाप करें उनके लिए यह महत्वपूर्ण है उनके मन में किसी प्रकार का लालच और स्वार्थ का भाव नहीं हो। इस मंत्र के माध्यम से इस पृथ्वी के समस्त चराचर जगत के कल्याण की कामना की जाती है।
ऐसा कहा जाता है की इस मंत्र के जाप से आप स्वर्ग के मार्ग पर जा सकते हैं और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। इसके जाप से आपके जीवन की सभी बाधाएं भी दूर होती हैं, जिससे आप अपने लक्ष्य की और बढ़ सकते हैं। ऐसा भी कहा गया है की जो भी इस मंत्र को सवा करोड़ बार जप ले उसे नरक नहीं जाना पड़ता, उसके लिए स्वर्ग के रास्ते खुले होते हैं।