नवग्रह बीज मंत्र हिंदी में । Navgrah Beej Mantra in Hindi

नवग्रह बीज मंत्र को भारतीय ज्योतिष शास्त्र में बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इनका प्रयोग धार्मिक परंपराओं में भी किया जाता है। इन मंत्रों के जाप से नवग्रहों के दोषों को दूर किया जा सकता है और नवग्रहों के शुभ प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है। माना जाता है की ये मंत्र ग्रहों की शक्तियों को प्राप्त करने में मदद करते हैं। नवग्रह बीज मंत्रों का जप करने से व्यक्ति को भाग्य में सुधार, स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, और मानसिक शांति मिलती है।

- Advertisement -
   

नवग्रह बीज मंत्र हिंदी में । Navgrah Beej Mantra in Hindi

सूर्य बीज मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।

इस मंत्र के जाप से सूर्य ग्रह का आशीर्वाद और उनकी शक्तियां प्राप्त की जा सकती हैं। इस मंत्र का जाप आपको प्रतिदिन सुबह उठकर 108 बार करना चाहिए। इसके जाप से आपको शक्ति, स्वास्थ्य और जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है।

चंद्रमा बीज मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।

चंद्रमा बीज मंत्र का जाप आपको चंद्र गृह की कृपा दिलाता है। उचित लाभ प्राप्त करने के लिए सोमवार को रात्रि में इस मंत्र का 108 बार जप करें। इस मंत्र का जाप व्यक्ति को मानसिक शांति, आत्मा की शुद्धि, और संतान सुख दिलाता है।

मंगल बीज मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।

मंगल बीज मंत्र का जाप व्यक्ति को शुभता प्रदान करता है और आपकी कुंडली से मंगल दोषों का निवारण करता है। इस मंत्र के लाभ हेतु मंगलवार को सुबह-सुबह इस मंत्र का 108 बार जप करें। मंगल बीज मंत्र का जाप व्यक्ति को साहस प्रदान करता है। इसके जाप से आपको शक्ति प्राप्त होती है, और आपके विभिन्न कष्टों के निवारण होता है।

बुध बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।

माना जाता है की बुध बीज मंत्र का जाप मनुष्य को सभी बुराइयों से बचाता है और सभी संकटों में व्यक्ति की रक्षा करता है। इस मंत्र के जाप के लिए बुधवार के दिन सुबह के समय को सबसे उपयुक्त माना जाता है। आपको इस मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना होता है।

बृहस्पति बीज मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।

नवग्रहों में बृहस्पति गृह की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, इसे गुरु ग्रह भी कहते हैं। माना जाता है की बृहस्पति बीज मंत्र का जाप बुद्धि, और विद्या प्राप्ति में सहायक सिद्ध होता है। गुरुवार को इस मंत्र का 108 बार जप करना शुभ माना जाता है। इस मंत्र के जाप से शिक्षा, धर्म, आर्थिक सुख, और बुद्धिमता में वृद्धि का लाभ प्राप्त होता है।

शुक्र बीज मंत्र: ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को कला, सौन्दर्य, और सुख-शांति के देवता के रूप में जाना जाता है। उनकी कृपा पाने के लिए शुक्रवार को इस शुक्र बीज मंत्र का 108 बार जप करें। कहते हैं शुक्र के अच्छे प्रभाव से व्यक्ति को सौन्दर्य, आकर्षक खूबसूरती की प्राप्ति होती है। साथ ही वह कला में माहिर बनता है और उसके जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है।

शनि बीज मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

शनि देव की महिमा से सभी परिचित हैं, उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। शनि बीज मंत्र का जाप शनि की कुंडली में बुरी दसा के प्रभाव से बचाता है। शनिवार को शाम के समय इस मंत्र का 108 बार जप करना उत्तम माना जाता है। इसके जाप से आपके जीवन की सभी कठिनाइयां दूर होती हैं, आपके बुरे कर्मों का निवारण होता है और आपके भीतर धैर्य का भाव बढ़ता है।

राहु बीज मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।

इस राहु बीज मंत्र के जाप से राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों से आपका बचाव होता है और राहु के सभी अशुभ प्रभावों से आपको सुरक्षा प्राप्त होती है। अमावस्या के दिन रात्रि में इस मंत्र का 108 बार जप करें। इस मंत्र के जाप से बुरे कर्मों के निवारण, सत्य की पहचान, और आत्मा के विकास में सहायता प्राप्त होती है।

केतु बीज मंत्र: ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः।

केतु बीज मंत्र का जाप आपको केतु के सभी अशुभ प्रभावों से बचाता है और जीवन में शुभ प्रभाव लाता है। पूर्णिमा के दिन रात्रि में इस मंत्र का 108 बार जप करना उत्तम माना जाता है। इस मंत्र के प्रभाव से आत्मा के विकास, सत्य और ज्ञान की प्राप्ति, और बुरी आदतों से मुक्ति प्राप्त होती है।

यह भी पढ़ें: भगवान विष्णु के ही स्वरूप माने जाने वाले नरसिंह भगवान की आराधना का हिन्दू धर्म में खास महत्व माना जाता है, नरसिंह भगवान का यह मंत्र आपके जीवन के सभी संकटों को दूर करता है, और जीवन मंगलमय बनाता है।

ध्यान रखें की इन मंत्रों को सही तरीके से और विश्वास के साथ जप करने से ही आपको इनके शुभ प्रभाव प्राप्त हो सकते हैं। ये मंत्र धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए होते हैं और इनका जाप समर्पित भावना से किया जाना चाहिए।

- Advertisement -