पितृ पक्ष मंत्र हिंदी में । Pitra paksha mantra in Hindi
किसी इंसान की मृत्यु के बाद अगर उस इंसान के परिवार वाले पूर्ण विधि विधान से उस इंसान का अंतिम संस्कार नहीं करते है तो ऐसे में इंसान के परिवार के सदस्यों पर पितृ दोष लग जाता है। जब किसी भी परिवार या इंसान पर पितृ दोष लग जाता है तो उस इंसान या परिवार के सामने बहुत सारी परेशानियाँ आती रहती है।
पितृ दोष से बचने के लिए या पितरो को खुश करने के लिए पितृ पक्ष में सभी घरो में पितरों की पूजा और श्राद्ध किया जाता है। पितरों की पूजा और श्राद्ध करने से पितरों को शांति मिलती है। पितृ पक्ष में पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने की सलाह दी जाती है। शास्त्रों में कई ऐसे मंत्र भी बताए गए है जिनके जाप करने से पितरो की आत्मा को शांति मिलती है।
चलिए अब हम आपको पितृ पक्ष मंत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध रहे है। नीचे बताए जा रहे पितृ पक्ष मंत्र का जाप पूर्ण श्रद्धा और सच्चे मन से करने से जल्द पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पिता के लिए पितृ पक्ष मंत्र
गोत्रे अस्मतपिता (पिता जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।
माता के लिए पितृ पक्ष मंत्र
गोत्रे अस्मन्माता (माता जी का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।
पितृ पक्ष मंत्र के जाप का तरीका
पितृ पक्ष मंत्र का जाप करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके साफ कपड़ें पहन लें। उसके बाद पूजा स्थल में साफ आसन बिछा लें। उसके बाद चौकी पर अपने पूर्वजों की फोटो और अपने इष्टदेव की फोटो या मूर्ति रख लें। अगर आपके पूर्वजों की फोटो नहीं है तो पूजा स्थल के सामने आसन बिछा कर बैठ जाएं।
पूजा के लौटे में गंगाजल डालकर उसमें एक पुष्प डाल कर रख लें। फिर दीपक और धूप बत्ती जला दें। उसके बाद हाथ में रुद्राक्ष की माला लेकर ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 108 बार करें। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से जल्द आपको पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है।