रोग निवारण मंत्र हिंदी में । Rog nivaran mantra in Hindi
आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकतर इंसान किसी ना किसी रोग से पीड़ित है। पीड़ित पुरुष या महिला रोग से छुटकारा पाने के लिए दवाइयों का सेवन करता है। लेकिन कई बार इंसान को दवाइयों से भी राहत नहीं मिलती है। शास्त्रों में रोग को समाप्त करने के लिए कई सारे मंत्र बताए है।
उन मंत्रों का जाप करने से जल्द रोग समाप्त हो जाता है। नियमित रूप से मंत्र का जाप करने से मन को शांति और शरीर को ऊर्जा मिलती है। चलिए अब हम आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रहे है जिसका नियमित जाप करने से आप रोग मुक्त हो सकते है।
रोग निवारण मंत्र इन हिंदी
‘क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क’
रोग निवारण मंत्र का जाप करने का तरीका
रोग निवारण मंत्र का जाप करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करके साफ कपड़ें पहन लें। अगर स्नान करने में असमर्थ है तो मुंह हाथ धो लें। उसके बाद पूजा स्थल पर उत्तर दिशा की तरफ साफ आसन बिछा लें। ख्याल रखें मंत्र उच्चारण करते समय आपका मुंह उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।
अपने सामने एक चौकी पर साफ कपडा बिछा कर उस कपड़ें के ऊपर भगवान शिव की मूर्ति या फोटो रख लें। भगवान के सामने दीपक और धूप बत्ती जला दें। भगवान शिव की उपासना करने के बाद हाथ में रुद्राक्ष की माला लेकर ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 108 बार करें।
जाप उच्चारण के बाद दोनों हाथ जोड़कर भगवान शिव से रोग समाप्त होने की कामना करें। नियमित रूप से मंत्र जाप करने से जल्द रोग से मुक्ति मिलती है।