इस नए दौर में विद्यार्थी इतने व्यस्त हो गए हैं की थोड़ा सा समय विद्या की देवी माँ सरस्वती के लिए भी नहीं निकाल पाते। हालाँकि, जो विद्यार्थी मेहनत के साथ-साथ माँ सरस्वती की भी वंदना करते हैं, उनकी सफलता निश्चित तौर पर ही होती है। आज हम आपको सरस्वती वंदना (Saraswati Vandana in Hindi) करने का मंत्र बता रहें है जिसका जाप करने से आपका दिन शुभ गुजरेगा और रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं का सामना करने की आपमें एक नई ऊर्जा आएगी।
सरस्वती वंदना करने का मंत्र। Saraswati Vandana in Hindi
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
सरस्वती वंदना का अर्थ :
इस सरस्वती वंदना में माँ सरस्वती की महिमा और गुणगान किया गया है जिससे उनकी कृपा हम पर बरसे। इसमें कहा गया है की जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती हैं, जिनपर कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार सुसज्जित हैं, उन माँ सरस्वती की हम वंदना करते हैं।
जो अपने शरीर पर श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु और महेश आदि देवताओं के द्वारा सदैव ही पूजी जाती हैं, हम उन देवी की वंदना करते हैं और यह कामना करते हैं की माँ सरस्वती हमें सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञानता को दूर कर हमारी रक्षा करें।
माँ सरस्वती की महिमा का और भी वर्णन करते हुए इस वंदना में आगे कहा गया है की, शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत् में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, माँ सरस्वती की हम पूर्ण दिल से वंदना करते हैं।