शनि देव से सभी ही भय करते हैं। हालाँकि शनि देव हमारे जीवन में अनुशासन और नियंत्रण लाते हैं। वह हमें सच्चाई के रास्ते पर चलने को कहते हैं और ईमानदारी के साथ अपना कर्म करने का ज्ञान देते हैं। उनका मंतव्य सिर्फ सभी को उनके कर्मों के अनुसार उचित फल देना होता है, अगर कोई बुरे कर्म करता है तो उसे बुरे फल मिलते हैं और जिसके कर्म पुण्य हों उसे शुभ फल मिलते हैं।
शनि गायत्री मंत्र हिंदी में । Shani Gayatri Mantra in Hindi
ॐ भग भवाय विद्महे मृत्यु-रूपाय धीमहि तन्नो शौरीहि प्रचोदयात् ||
शनि गायत्री मंत्र का विवरण :
शनि देव के इस गायत्री मंत्र के जाप से आपके कुंडली में शनि ग्रह की सभी अशुभ प्रभाव ख़त्म हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है शनि देव का यह मंत्र आपके सभी दुःख-दर्द और कष्टों का निवारण करता है। साथ ही अगर आपके दांपत्य जीवन में कोई परेशानी हो, या आप किसी रोग से पीड़ित हों, यह मंत्र इन सभी परेशानियों को दूर करता है और आपका जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है।
शनि देव के इस मंत्र को जो भी पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से जपता है उसके भीतर अनुशासन, दृढ़ता, और स्वयं पर नियंत्रण जैसे विलक्षण गुण आ जाते हैं। इस मंत्र का जाप यदि आप प्रतिदिन 108 बार करें तो यह आपके लिए बड़ा लाभकारी सिद्ध होता है। इसके जाप शुरुआत आपको शनिवार के दिन से की चाहिए, यह शनि देव की पूजा के लिए उत्तम दिन माना जाता है।