ज्योतिष शास्त्र की मानें तो शुक्र ग्रह का हमारी कुंडली में एक महत्वपूर्ण प्रभाव रहता है। कहा जाता है की शुक्र ग्रह का संबंध दानवों के गुरु शुक्राचार्य से है, जो बेहद ही विद्यावान माने जाते थे। उन्होंने महादेव से शिक्षा पायी थी और उनपर महादेव की विशेष कृपा रहती थी। ऐसा माना जाता है की ब्रह्म देव से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने जगत कल्याण के लिए शुक्र ग्रह का रूप धारण किया था।
शुक्र मंत्र हिंदी में । Shukra Mantra in Hindi
ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ||
शुक्र मंत्र का विवरण :
सभी ज्योतिषी इस बात को मानते हैं की अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह की दसा अनुकूल हो तो आपके भीतर आत्मविश्वास आता है और आप सौंदर्यवान होते हैं यानी लोगों का आपकी और आकर्षण बढ़ता है। ऐसा भी कहा जाता है की शुक्र के अनुकूल होने से आपको अपने जीवन में धन, आलीशान वस्तुओं का भोग, जीवनसाथी का साथ और एक आकर्षित करने वाला व्यक्तित्व मिलता है।
शुक्रवार के दिन इस मंत्र के जाप के साथ आप भी अपने शुक्र की दसा को अनुकूल बना सकते हैं और अपना जीवन संवार सकते हैं। इस मंत्र के जाप से पूर्व अपने कुलदेवता और घर की पूजा करें। साथ ही कुछ फूल चढ़ाएं और फिर अगरबत्ती जरूर दिखाएँ। उसके बड़ा इस मंत्र का जाप पूरी ईमानदारी और श्रद्धा के साथ करें।