वाहे गुरु मंत्र हिंदी में । Wahe Guru mantra in Hindi

गुरु ग्रंथ साहिब जिसे सिखों का प्रमुख ग्रंथ माना जाता है, में इस मंत्र को पहली बोली या मूल मंत्र के रूप में वर्णित किया गया है। यह मूल मंत्र उस ईश्वर की महिमा का गुणगान करता है और परमात्मा के एकाकार रूप का वर्णन करता है, जिसके अनुसार ईश्वर सिर्फ एक ही है, भले ही लोग उसे कई रूप में पूजते हैं। इस मंत्र को सिख समुदाय के लोग नियमित रूप से जाप करते हैं और अपने मन में गुरु की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए इसका उपयोग करते हैं।

वाहे गुरु मंत्र हिंदी में । Wahe Guru mantra in Hindi

ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ॥ (गुरमुखि लिपि में)

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इक ओंकार सतनाम करता पुरख निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि|| (हिंदी में)

वाहे गुरु मंत्र का विवरण :
श्री गुरु नानक देव जी ने यह मूल मंत्र दिया था, जिन्हें भारत की आध्यात्मिक भूमि पर पैदा हुए महान संतों में शीर्षस्थ स्थान प्राप्त है। उन्होंने अपने इस मंत्र से ईश्वर को एकाकार रूप में प्रदर्शित किया और बताया की मानव की एक ही जाति होती है और सभी भले ही अलग-अलग ईश्वर की पूजा करें पर ईश्वर एक ही है। उन्होंने इस समाज में समकालीनता को परिभाषित किया और बताया भले ही वर्ण, जाती, लिंग, धर्म अलग क्यों न हो पर सभी ही सामान हैं।

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इस मंत्र का जाप सिख लोग प्रतिदिन सुबह और शाम को जपते हैं। इसका जाप जप भी करें तो मन में एकाग्रता और श्रद्धा भाव होना चाहिए। कहा जाता है की इस वाहे गुरु मंत्र के जाप से व्यक्ति का मन शांत होता है और उसे बिना वजह की चिंताओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस मंत्र का जाप व्यक्ति के भीतर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और व्यक्ति का अपने ऊपर आत्मविश्वास आता है। इस मंत्र के जाप से आपके मन में दूसरों के प्रति सहानुभूति और प्रेम की भावना भी आती है।

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