ये धरती विविधताओं से भरी पड़ी है, यहाँ पर विविध तरह के जीव-जंतु निवास करते है। इस धरती पर रहने वाला प्रत्येक जीव अपने वंश को आगे बढ़ाता रहता है, यही कारण है कि ये धरती कभी खाली नहीं हुई। यहाँ एक जीव धरती छोड़ कर जाता है तो दूसरा जीव उसके जगह को भरने के लिए चला आता है। यही कहानी मनुष्य की भी है, इसीलिए मनुष्य को अपने वंश वृद्धि के लिए शुक्र मंत्र का जाप (Shukra Mantra Lyrics in Hindi) करना होता है।
शुक्र मंत्र | Shukra Mantra Lyrics in Hindi
ॐ द्रां द्रीं द्रौं स:
शुक्राय नम:
ॐ अश्वध्वजाय विद्महे
धनुर्हस्ताय धीमहि तन्नः
शुक्रः प्रचोदयात्
शुक्र मंत्र का अर्थ: हे शुक्र देवता आप ब्रह्मांड के स्वामी है। हे भगवान शुक्र आपकी हमें अनुभूति होती है। हे शुक्र देवता आप हमारे मन को प्रबुद्ध करें। हे शुक्र देवता हम आपकी पूजा करते है, हे प्रभु आप धनुष-बाण धारण करते हैं। हे भगवान शुक्र आप हमें बेहतर बुद्धि प्रदान करें। हे शुक्र भगवान आप हमारे मन को रोशन करें।
शुक्र देवता के मंत्र का जाप शुक्रवार के दिन करना होता है। शुक्र देवता के मंत्र का जाप सुबह के समय शुक्र भगवान के प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र के जाप के समय शुक्र भगवान के पैर पर सिंदूर लगाएं। इसके साथ ही उनके पैर पर कुछ फूल चढ़ाए। मंत्र के जाप के दौरान भगवान के सामने मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाएं।
शुक्र मंत्र का जाप बैठकर करना होता है। इस मंत्र का जाप ग्यारह बार करना होता है। इस मंत्र के प्रभाव से विवाह और संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाओं की समाप्ति होती है। इस मंत्र के प्रभाव से महिलाओं की खूबसूरती बढ़ती है। भगवान शुक्र के मंत्र के प्रभाव से जीवन की अनिश्चितताएं दूर होती हैं। इस मंत्र के प्रभाव से शांति तथा समृद्धि में वृद्धि होती है।