अन्नपूर्णा मंत्र हिंदी में । Annapurna mantra in Hindi
पौराणिक कथाओ के अनुसार अन्न की देवी माँ अन्नपूर्णा धरती पर अगहन पूर्णिमा के दिन अवतरित हुई थी। पृथ्वी पर माँ अन्नपूर्णा के अवतरित होने के बाद संसार के सभी लोगो के अन्न से संबंधित परेशानियाँ दूर हो गई थी। अन्न के बिना जीवन संभव नहीं है इसीलिए हम सभी को माँ अन्नपूर्णा की उपासना जरूर करनी चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार माँ अन्नपूर्णा माँ पार्वती का अंश अवतार माना गया है। चलिए अब हम आपको माँ अन्नपूर्णा मंत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है। नीचे बताए जा रहे मंत्र का जाप करने से बहुत जल्द आपके ऊपर माँ अन्नपूर्णा की कृपा आप पर बरसती है।
अन्नपूर्णा मंत्र इन हिंदी
अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे ।
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्य भिक्षां देहि च पार्वति ।।
अन्नपूर्णा मंत्र जप विधि
माँ अन्नपूर्णा मंत्र के जाप की शुरुआत आप किसी भी दिन से कर सकते है। माँ अन्नपूर्णा मंत्र का जाप करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करके साफ कपड़ें पहन लें। उसके बाद पूजा घर में साफ आसन बिछा कर बैठ जाएं। फिर अपने सामने एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछा कर कपडे के ऊपर माँ अन्नपूर्णा की फोटो या मूर्ति रख लें। उसके बाद माता के सामने गाय के घी का दीपक और धूप बत्ती जला दें।
उसके बाद माँ का चंदन से अभिषेक करके पुष्प, फल और मिठाई अर्पित कर दें। माँ अन्नपूर्णा की चालीसा और आरती करें। आरती के बाद हाथ में तुलसी की माला लेकर ऊपर बताए गए मंत्र का जाप 108 बार करें। नियमित रूप से माँ अन्नपूर्णा मंत्र का जाप करने से बहुत जल्द माँ की कृपा से आपके घर में अन्न की समस्या नहीं आती है।