भये प्रगट कृपाला दीन दयाला । Bhaye Pragat Kripala Din Dayala

भये प्रगट कृपाला दीन दयाला । Bhaye Pragat Kripala Din Dayala

विष्णु भगवान पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करने के लिए और धर्म की रक्षा करने के लिए कई बार अवतरित हुए है। भगवान राम को मर्यादा पुरषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है। आज के समय में भी सभी लोगो को भगवान राम के नक्शे कदम पर चलने की सलाह दी जाती है। भगवान राम की पूजा करने मात्र से जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते है।

अधिकतर इंसान भगवान राम की पूजा करते है लेकिन वो भगवान राम की स्तुति नहीं करते है। हालाँकि स्तुति ना करने के पीछे की वजह जानकारी का अभाव भी होता है। भगवान राम की स्तुति भये प्रगट कृपाला दीन दयाला के बारे में रामचरित मानस के बालकाण्ड में भी बताया गया है। चलिए अब हम आपको राम स्तुति के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है

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भये प्रकट कृपाला दीन दयाला, कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी ॥

लोचन अभिरामा, तनु घनश्यामा, निज आयुध भुजचारी ।
भूषण बन माला, नयन विशाला, शोभा सिंधु खरारी ॥

कह दुइ कर जोरी, स्तुति तोरी, केहि विधि करूं अनंता ।
माया गुण ग्यानातीत अमाना, वेद पुराण भनंता ॥

करुणा सुख सागर, सब गुन आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी, प्रकट भये श्रीकंता ॥

ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया, रोम रोम प्रति वेद कहे ।
मम उर सो वासी, यह उपहासी, सुनत धीर मति थिर न रहे ॥

उपजा जब ज्ञाना, प्रभु मुसुकाना, चरित बहुत बिधि कीन्ह चहे ।
कहि कथा सुनाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सुत प्रेम लहे ॥

माता पुनि बोली, सो मति डोली, तजहुँ तात यह रूपा ।
कीजे शिशुलीला, अति प्रियशीला, यह सुख परम अनूपा ॥

सुनि वचन सुजाना, रोदन ठाना, होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं, ते न परहिं भवकूपा ॥

भये प्रगट कृपाला दीन दयाला को पढ़ने या सुनने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना गया है। राम स्तुति करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करके स्वच्छ कपड़ें पहन लें। उसके बाद पूजा घर में साफ आसन बिछा लें। अपने सामने एक चौकी पर साफ कपडा बिछा कर कपड़ें के ऊपर भगवन राम की फोटो रख लें। भगवान राम की फोटो या मूर्ति के सामने धूप बत्ती और दीपक जला दें। भगवान राम का अभिषेक करने के बाद पुष्प, फल और मिठाई अर्पित करें।

यह भी पढ़ें: जगन्नाथ की यात्रा ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, इसमें भाग लेने देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं। हालाँकि यदि आप यात्रा में भाग नहीं ले सकते तो इस जगन्नाथ अष्टकम का पाठ आपको घर पर ही भगवान जगन्नाथ की कृपा दिलाता है।

भगवान राम की पूजा करने से पहले ऊपर बताई गई स्तुति पढ़ें। स्तुति समाप्त होने के बाद भगवान राम की आरती और चालीस का पाठ करें। चालीसा का पाठ समाप्त होने के बाद भगवान से अपने जीवन में आ रहे कष्टों को दूर करने की कामना करें। नियमित रूप से भये प्रगट कृपाला दीन दयाला को पढ़ने से आप पर जल्द भगवान राम की कृपा बरसती है।

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