इस धरती पर निवास कर रहा प्रत्येक मनुष्य चाहे वो राजा हो या रंक, एक स्वस्थ जीवन जीना चाहता है लेकिन ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि आधुनिक मानव का जीवन व्यस्त से व्यस्तम होता जा रहा है जहाँ उसे ना तो चैन से खाने की फुर्सत है और ना ही चैन से सोने की। इसी वजह से मनुष्य जो भी भोजन करता है वह उसके शरीर का उचित पोषण नहीं कर पाता। इसके लिए मानव को भोजन मंत्र (Bhojan Mantra in Hindi) का जाप करना चाहिए।
भोजन मंत्र | Bhojan Mantra in Hindi
ॐ सहनाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवाव है।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषाव है।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।
भोजन मंत्र का अर्थ: हे परमेश्वर! हम जो भी भोजन करें, वो हमारे शरीर में लगे, भोजन हमारे शरीर और मस्तिष्क का उचित पोषण करें, हम महान ऊर्जा और शक्ति के साथ कार्य करें। हमारी बुद्धि तेज हो और हम किसी से ईर्ष्या न करें। जीवन में हमें शांति प्राप्त हो।
भोजन का यह मंत्र हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथ यजुर्वेद से लिया गया है। भोजन मंत्र का जाप भोजन करने से पहले करना होता है। इस मंत्र का जाप भोजन को थाली में निकाल लेने के बाद अपने सामने रखकर करना होता है। इस मंत्र का जाप भोजन करने से पहले ज़रूर करना चाहिए। इस मंत्र का जाप प्रणाम की मुद्रा में बैठकर करना होता है।
इस मंत्र का जाप करते समय आँख बंद रखना होता है। इस मंत्र का जाप सिर्फ एक बार करना होता है। इस आध्यात्मिक भोजन मंत्र का जाप कम से कम प्रतिदिन एक बार ज़रूर करना चाहिए। इस मंत्र का जाप सुबह के नास्ते के समय करना ज्यादा अच्छा रहता है। इस मंत्र का जाप करते समय अपना चेहरा पूरब दिशा की तरफ रखें।
इस मंत्र के जाप करने से शारीरिक पोषण मिलने के साथ-साथ मन को भी शांति मिलती हैं। इस मंत्र के जाप के बाद आसपास के वातावरण सकारात्मक बन जाता हैं। इस मंत्र के प्रभाव से मस्तिष्क और शरीर के बीच अच्छा समन्वय स्थापित होता है।