धन्वंतरि को आयुर्वेद में सर्वोत्तम वैद्य माना जाता है। कहते हैं सब समुद्र मंथन हुआ था तब अपने हाथों में अमृत कलश लेकर वह प्रकट हुए थे। उन्हें भगवान विष्णु का ही एक स्वरूप माना जाता है। दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस को धन्वंतरि देव के जन्मदिवस के रूप में ही मनाया जाता है। इस दिन का सभी के लिए बड़ा ही महत्व होता है।
धन्वंतरि मंत्र हिंदी में । Dhanvantari Mantra lyrics in Hindi
ॐ नमो भगवते धनवंतराय
अमृताकर्षणाय धन्वन्तराय
वेधासे सुराराधिताय धन्वंतराय
सर्व सिद्धि प्रदेय धन्वंतराय
सर्व रक्षा कारिणेय धन्वंतराय
सर्व रोग निवारिणी धन्वंतराय
सर्व देवानां हिताय धन्वंतराय
सर्व मनुष्यानाम हिताय धन्वन्तराय
सर्व भूतानाम हिताय धन्वन्तराय
सर्व लोकानाम हिताय धन्वन्तराय
सर्व सिद्धि मंत्र स्वरूपिणी
धन्वन्तराय नमः0
धन्वंतरि मंत्र का विवरण :
इस मंत्र का जाप कोई भी कर सकता है जिसे अपने या अपने परिजनों के लिए अच्छे स्वास्थ्य की चाह हो। इस मंत्र की सिद्धि के लिए आपको पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके सुबह या शाम किसी भी पहर इस मंत्र का 108 बार जपना होता है। आप चाहें तो धन्वंतरि की प्रतिमा या फोटो को भी अपने समक्ष स्थापित कर सकते हैं।
ऐसी मान्यता है की जो भी इस धन्वंतरि मंत्र का जाप नियमित रूप से करता है उसके भीतर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसके शरीर से रोग, व्याधि और सभी नकारात्मकता का नास होता है। बेहद ही लाभकारी माना जाने वाला यह धन्वंतरि मंत्र आपकी आयु को बढ़ाता है और जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि लाता है। आप भी इस मंत्र के जाप करके इसका लाभ उठा सकते हैं।