एक ओंकार मंत्र को सिखों का मूल मंत्र माना जाता है, इसे गुरु नानक की पहली शिक्षा के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है की यह मंत्र सिख विचारधारा का केंद्र बिंदु है। सिखों के पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब में इस मंत्र को पहले भजन के रूप में संग्रहित किया गया है। कहा जाता है की छोटा सा प्रतीत होने वाला यह मंत्र बड़ा ही लाभकारी होता है।
एक ओंकार मंत्र हिंदी में । Ek Onkar Mantra in Hindi
एक ओंकार सतनाम, कर्तापुरख, निर्मोह निर्वैर, अकाल मूरत, अजूनी सभं. गुरु परसाद ॥॥ जप ॥
आद सच, जुगाद सच, है भी सच, नानक होसे भी सच ॥
एक ओंकार मंत्र का विवरण :
इस मंत्र के हर एक शब्द में बड़ा ही गहरा अर्थ है। शाब्दिक रूप से देखें तो यह मंत्र कहता है की ईश्वर सिर्फ एक ही है, जिसे सत्य के नाम से जाना जाता है, वही निर्माता है, वह भयमुक्त होता है, उसमें नफरत जैसे कुविचार नहीं होते, वह इस संसार के समय प्रणाली से परे है, वह जन्म और मृत्यु से परे है, वह स्वयंभू है, हमें उसका ध्यान और आराधना करनी चाहिए। समय के आरंभ से वह मौजूद था, और युगों-युगों तक रहेगा, वह अब भी सच्चा है और गुरु नानक कहते हैं की वह सदैव ही सच्चा रहेगा।
गुरु नानक का यह मूल मंत्र हमें ईश्वर के एकाकार रूप को बताता है और परमात्मा की परिभाषा से सभी को अवगत कराता है। जहाँ सभी परमात्मा को अलग-अलग रूप में पूजते हैं, गुरु ग्रन्थ साहिब जी की यह पहली वाणी परमात्मा के एकाकार रूप का ज्ञान देता है। आप भी इस मंत्र का जाप करें और अपने मन में शांति लाएं।