गणेश विसर्जन मंत्र हिंदी में । Ganesh Visarjan Mantra in Hindi

गणेश चतुर्थी भारत भर मनाया जाने वाला एक खास त्यौहार है, खास तौर पर महाराष्ट्र में इसे बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं। इस त्यौहार का समापन भी बड़ा ही विशेष होता है, जिसमें गणेश जी के मूर्ति के विसर्जन के लिए पैदल यात्रा की जाती है और उनके मंत्रों के साथ उन्हें विसर्जित किया जाता है। इस विसर्जन की तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, आप भी जानें विसर्जन में किन मंत्र का जाप होता है अनिवार्य।

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गणेश विसर्जन मंत्र हिंदी में । Ganesh Visarjan Mantra in Hindi

यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥

गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥

गणेश विसर्जन मंत्र का विवरण :
जिस तरह किसी भी पूजा के आरंभ का खास महत्व होता है उसी तरह उसके समापन का भी अपना एक औचित्य और महत्व होता है। भगवान गणेश की इस पूजा का आराम भी जिस धूम-धाम से होता है उसी तरह उनके विसर्जन को भी खासा महत्व दिया जाता है। जिस आनंद के भाव के साथ सभी गणपति की अपने घर में स्थापना करते हैं उसी आनंद भाव के साथ उन्हें अनंत चतुर्दशी को विदा भी किया जाता है।

यह भी पढ़ें: सिख समुदाय के मूल मंत्र के रूप में इस मंत्र का एक बड़ा ही विशेष महत्व है। इसकी ध्वनि को सुनने मात्र से ही आपके मन में एक शांति का भाव उत्पन्न होता है और ह्रदय प्रसन्न हो जाता है।

शास्त्रों में गणेश विसर्जन की इस विधि के लिए इन दो मंत्रों का उल्लेख किया गया है, और कहा गया है की इन दो मंत्रों के जाप के बगैर विसर्जन पूर्ण नहीं होता। साथ ही आपको इस बात का ध्यान भी रखना होता है की यदि आप विसर्जन की विधि में भाग लेते हुए इन मंत्रों का जाप करें तो आपको मन शुद्ध और किसी भी बुरे विचार से परे होना चाहिए अर्थात द्वेष, ईर्ष्या, जैसी कोई बुरी भावना आपके मन में ना हो।

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