हिंदू संस्कृति सभ्यता के अनुसार गर्भधारण को एक पवित्र संस्कार माना जाता है। हिन्दू के अनुसार गर्भधारण के दौरान बच्चे की माँ की गोद भराई का त्यौहार मनाया जाता है। हिन्दू की इसी संस्कार की वजह से इस सृष्टि में मानव का अस्तित्व है और धरती पर जीवन चलती है। अगर हिन्दू का ये संस्कार न होता तो धरती मनुष्य विहीन हो जाता। नीचे दिए गए गर्भावस्था मंत्र का जाप (Garbhdharan Mantra Lyrics in Hindi) हरेक गर्भवती को करना होता है।
गर्भावस्था मंत्र | Garbhdharan Mantra Lyrics in Hindi
एहैही भगवान ब्रह्म,
प्रजा कर्ता, प्रजा पाथे,
प्राग्रुहशीनिवा बलिम चा इमाम,
आपथयम रक्षा गर्भनीम
गर्भावस्था मंत्र का अर्थ: हे भगवान ब्रह्मा आप अंतर्यामी है। हे प्रभु आप दुनिया के रचयिता है। हे भगवान आप सृष्टिकर्ता है। हे भगवान आप गर्भवती महिला की पवित्र श्रद्धांजलि को कृपापूर्वक स्वीकार करें। हे भगवान गर्भवती स्त्री तमाम कष्टों को स्वीकारते हुए पारिवारिक पथ पर चल पड़ी है।
गर्भावस्था मंत्र का जाप गर्भधारण के नौ महीने के दौरान किया जाता है। इस मंत्र का जाप प्रतिदिन नौ महीने करना होता है। इस मंत्र का जाप प्रातः काल में सूर्योदय के समय करना होता है। इस मंत्र के जाप के दौरान स्त्री को नमस्कार की मुद्रा में रहना है। इस मंत्र का जाप करते समय अपना मुख पूर्व की तरफ करना होता है।
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इस मंत्र का जाप करते समय अपना आँख बंद करके भगवान का ध्यान करना होता है। इस मंत्र का जाप मात्र पांच बार करना होता है। हरेक बार मंत्र का जाप के समय गहरी सांस लेना और छोड़ना होता है। इस मंत्र के प्रभाव से बच्चे मजबूत और समझदार बनते है। इस मंत्र के प्रभाव से बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है। इस मंत्र के प्रभाव से गर्भवती का मन खुश रहता है। गर्भधारण मंत्र के जाप से माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ बना रहता है।